Last Updated on February 1, 2025 16:42, PM by Pawan
Budget 2025: मार्केट में पैसे लगाने वाले निवेशकों को भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में बड़ी सौगात दी है। उन्होंने डिविडेंड से होने वाली आय यानी डिविडेंड इनकम के लिए टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर दी है। अभी 5 हजार रुपये से अधिक के डिविडेंड इनकम के मामले में सोर्स पर ही एक निश्चित दर टैक्स काट लिया जाता है लेकिन अब 1 अप्रैल से इस सीमा को बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। इससे निवेशकों को अब 10 हजार रुपये तक की डिविडेंड इनकम फुल अमाउंट में क्रेडिट हो जाएगी और रिफंड तक का इंतजार नहीं करना होगा।
अभी क्या है नियम?
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194 के तहत यह प्रावधान है कि कोई कंपनी अगर डिविडेंड बांट रही है तो उन्हें डिविडेंड शेयरहोल्डर के खाते में क्रेडिट करने से पहले एक निश्चित दर पर टैक्स काटकर सरकार के पास जमा करना होगा। अभी यह दर 10 फीसदी है यानी कि 5 हजार रुपये से अधिक के डिविडेंड इनकम पर कंपनी 10 फीसदी की दर से टैक्स काटकर ही खाते में क्रेडिट करेगी। अब इसी डिविडेंड इनकम की लिमिट को 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है।
पहले कंपनियां चुकाती थीं डिविडेंड पर टैक्स
डिविडेंड पर टैक्स पहले कंपनियों को चुकाना होता था जिसका जिम्मा अब निवेशकों पर डाल दिया गया है। कंपनियों को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) के तहत टैक्स चुकाना होता था और इसे बजट 1997 में लाया गया था। समय के साथ इसमें काफी बदलाव हुए और आखिरकार वर्ष 2020 में इसे हटा ही दिया गया और टैक्स देनदारी को सीधे शेयरहोल्डर्स से जोड़ दिया गया। यह इसलिए किया गया था ताकि पारदर्शिता बढ़ सके और वैश्विक मानकों के अनुरुप किया जा सके।