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महाकुंभ 2025: कल्पवास के लिए आईं स्टीव जॉब्स की पत्नी पड़ी बीमार! ‘पहले कभी इतनी भीड़ वाली जगह पर नहीं गई’

महाकुंभ 2025: कल्पवास के लिए आईं स्टीव जॉब्स की पत्नी पड़ी बीमार! ‘पहले कभी इतनी भीड़ वाली जगह पर नहीं गई’

Last Updated on January 14, 2025 13:42, PM by Pawan

Apple के दिवंगत कोफाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दूसरे दिन एलर्जी हो गई, लेकिन वह गंगा नदी में डुबकी लगाने की रस्म में हिस्सा लेंगी। आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने मंगलवार को ANI को बताया, “वह (संगम में) डुबकी लगाने की रस्म में भाग लेंगी। वह मेरे शिविर में आराम कर रही हैं।” पॉवेल जॉब्स महाकुंभ में भाग लेने के लिए सोमवार को प्रयागराज पहुंचीं। इस बार का महाकुंभ एक दुर्लभ खगोलीय घटना है और 144 सालों बाद ऐसा योग बन रहा है।

गिरि ने ANI को बताया, “उन्हें कुछ एलर्जी हो गई है। वह कभी इतनी भीड़-भाड़ वाली जगह पर नहीं गईं। वह काफी सरल स्वभाव की हैं। वह पूजा के दौरान हमारे साथ रहीं। हमारी परंपरा ऐसी है कि जिसने कभी इसे नहीं देखा- वह सभी इसमें शामिल होना चाहते हैं।”

गिरि ने पॉवेल को ‘कमला’ नाम दिया और वह 15 जनवरी तक निरंजिनी अखाड़ा शिविर में कुंभ टेंट सिटी में रहेंगी। वह 20 जनवरी को नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका लौटेंगी।

 

मंगलवार को पहले अमृत स्नान या पवित्र डुबकी पर कम से कम 3-4 करोड़ लोग त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाएंगे, जो गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती नदियों का संगम स्थल है। फिलहाल ये लेख लिखे जाने तक करीब डेढ़ करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगई।

सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के साधुओं ने एक-एक कर त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाई। 13 अखाड़ों को तीन समूहों में बांटा गया है – संन्यासी (शैव), बैरागी (वैष्णव) और उदासीन। शैव अखाड़ों में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, श्री शंभू पंचाग्नि अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और तपोनिधि श्री आनंद अखाड़ा पंचायत शामिल हैं।

महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागमों में से एक है, जो हर 12 साल में भारत के चार स्थानों में से एक पर आयोजित किया जाता है। महाकुंभ 2025, जो पूर्ण कुंभ है, 26 फरवरी तक चलेगा। प्रमुख ‘स्नान’ तिथियों में 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या – दूसरा स्नान), 3 फरवरी (बसंत पंचमी – तीसरा स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) शामिल हैं।

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