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मार्जिन की चिंता से DMart के इनकम आउटलुक को झटका, ब्रोकरेज फर्मों ने घटाए टारगेट प्राइस

मार्जिन की चिंता से DMart के इनकम आउटलुक को झटका, ब्रोकरेज फर्मों ने घटाए टारगेट प्राइस

Last Updated on January 14, 2025 9:07, AM by Pawan

एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डीमार्ट) के शेयर सोमवार को कारोबारी सत्र के दौरान 5.74 फीसदी की गिरावट के साथ 3,474 रुपये के निचले स्तर को छू गए। हालांकि अंत में यह 4.82 फीसदी की नरमी के साथ 3,507.95 रुपये पर बंद हुए। इसकी तुलना में बीएसई सेंसेक्स 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 76,330.01 के स्तर पर बंद हुआ। बीएसई 100 इंडेक्स 2.02 फीसदी की नरमी के साथ 24,131.60 पर टिका। परिचालन के मोर्चे पर सुस्त प्रदर्शन को देखते हुए कई ब्रोकरेज फर्मों ने डीमार्ट के लिए अपने-अपने लक्षित मूल्य में संशोधन किया है और इसके लिए मार्जिन पर दबाव को लेकर चिंता का हवाला दिया है।

नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का मानना है कि डीमार्ट का मार्जिन दबाव में रहेगा जिसकी वजह कड़ी प्रतिस्पर्धा और मार्जिन के मुकाबले बाजार हिस्सेदारी को प्रबंधन की तरफ से प्राथमिकता दिया जाना है। नुवामा रिसर्च ने वित्त वर्ष 25 और वित्त वर्ष 26 के लिए राजस्व/शुद्ध लाभ के अनुमान में क्रमश: 0.5 फीसदी/11 फीसदी और 2.1 फीसदी/17.4 फीसदी की कटौती कर दी है। इन समायोजनों के बाद विश्लेषकों ने इसकी लक्षित कीमत पहले के 5,040 रुपये से घटाकर 4,212 रुपये कर दी है और इसमें निवेशित रहने की रेटिंग बरकरार रखी है।

इसी तरह मोतीलाल ओसवाल ने खरीद की अपनी रेटिंग दोहराई है। लेकिन लक्षित कीमत 4,750 रुपये से घटाकर 4,450 रुपये कर दी है। ब्रोकरेज ने बताया है कि तीन बड़ी क्विक कॉमर्स कंपनियों की तरफ से हाल में जुटाई गई रकम से प्रतिस्पर्धा गहरा गई है। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का मानना है कि डीमार्ट का वैल्यू फोकस्ड मॉडल लंबी अवधि में क्विक कॉमर्स के सुविधाजनक मॉडल के साथ सहअस्तित्व में रहेगा। लेकिन कीमतों को लेकर बढ़ती प्रतिस्पर्धा डीमार्ट की वृद्धि और मार्जिन पर अल्पावधि में असर डाल सकती है।

जेएम फाइनैंशियल रिसर्च के विश्लेषकों ने इसकी लक्षित कीमत में संशोधन कर पहले के 4,450 रुपये से घटाकर 3,880 रुपये कर दिया है। उन्होंने इसमें निवेशित रहने की रेटिंग बरकरार रखी है। यह समायोजन वित्त वर्ष 25-27 के आय अनुमान में 4 से 7 फीसदी की कटौती को दिखाता है।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि 14.7 फीसदी के सकल मार्जिन (जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 14.9 फीसदी था) पर एफएमसीजी में कीमतों की ऊंची प्रतिस्पर्धा का असर पड़ा है। बढ़ती परिचालन लागत से मार्जिन में 63 आधार अंक की कमी आई और एबिटा की वृद्धि पर 8.7 फीसदी की चोट पड़ी। ऐसे में ब्रोकरेज के विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 25-27 के लिए आय अनुमान में 3 से 5 फीसदी की कटौती की है और 3,450 रुपये की उचित कीमत पर बेचने की रेटिंग बरकरार रखी है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने बड़े मेट्रो शहरों में क्विक कॉमर्स के तेजी से प्रसार को लेकर चिंता जताई है।

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