स्टॉक मार्केट्स ने इस साल निवेशकों को 21 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। अगर आपने 2024 की शुरुआत में निफ्टी 500 इंडेक्स में एक लाख रुपये का निवेश किया होता तो आज आपका पैसा बढ़कर 1,21,300 रुपये हो गया होता। यह तब है, जब अक्टूबर और नवंबर में स्टॉक मार्केट में करेक्शन आया है। अगर यह करेक्शन नहीं आया होता तो मार्केट का रिटर्न और ज्यादा रहता। 21 फीसदी का रिटर्न कम नहीं है। यह दूसरे एसेट क्लास के 2024 के रिटर्न से ज्यादा है।
2025 में गोल्ड का प्रदर्शन भी अच्छ रहने की उम्मीद
गोल्ड ईटीएफ का रिटर्न भी 2024 में अच्छा रहा है। बीते एक साल में ज्यादातर गोल्ड ईटीएफ ने 21-22 फीसदी के बीच रिटर्न दिया है। इनमें Kotak Gold ETF, LIC Gold ETF, HDFC Gold ETF और Mirae Asset Gold ETF शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन आगे भी बने रहने के आसार हैं। इसका मतलब है कि साल 2025 में भी गोल्ड ईटीएफ का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
2024 के मुकाबले कम रह सकता है मार्केट का रिटर्न
सवाल है कि 2025 में स्टॉक मार्केट्स का रिटर्न कितना रह सकता है? अगर मॉर्गन स्टेनली की मानें तो अगला साल भी स्टॉक मार्केट के निवेशकों के लिए अच्छा रहेगा। मॉर्गन स्टेनली ने हाल में ‘2025 इंडिया स्ट्रेटेजी आउटलुक’ नाम से एक रिपोर्ट पेश की है। उसमें 2025 में BSE Sensex में 14 फीसदी तेजी का अनुमान जताया गया है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि अगले साल सेंसेक्स 93,000 प्वाइंट्स तक जा सकता है।
कंपनियों की अर्निंग्स बढ़ी तो सेंसेक्स 1 लाख के पार
अभी सेंसेक्स का ट्रेलिंग प्राइस-टू-अर्निंग्स रेशियो 23 गुना है, जो 25 साल के 20 गुना के औसत से थोड़ा ज्यादा है। इसका मतलब है कि सेंसेक्स में बहुत ज्यादा उछाल की उम्मीद नहीं की जा सकती। लेकिन, आज दुनिया की शायद ही कोई बड़ी इकोनॉमी इंडियन इकोनॉमी जैसी मजबूत हालत में है। इसका मतलब है कि अगर तीसरी तिमाही से कंपनियों की अर्निंग्स में अच्छी वृद्धि दिखती है तो उसका असर स्टॉक मार्केट्स के प्रमुख सूचकांकों पर पड़ेगा। इसके अलावा सरकार पूंजीगत खर्च फिर से बढ़ाने जा रही है। फिस्कल डेफिसिट कम करने पर सरकार के फोकस के अच्छे नतीजे दिख रहे हैं। ऐसे में मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, अगले साल के अंत तक सेंसेक्स 1,05,000 प्वाइंट्स तक जा सकता है।
