Last Updated on December 5, 2024 17:48, PM by Pawan
टाटा संस ने पब्लिक फंड्स का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर अंडरटेकिंग देने की पेशकश की है। यह अंडरटेकिंग बोर्ड प्रस्ताव के तौर देने की बात है। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट… मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने आवेदन देकर खुद को अपर लेयर एनबीएफसी (upper layer NBFC) और कोर इनवेस्टमेंट कंपनी के दर्जे से मुक्त करने की मांग की है, ताकि 2025 तक लिस्टिंग से बचा जा सके।
इन कदमों की वजह से अपने नए बिजनेस के लिए कॉरपोरेट गारंटी मुहैया कराने की कंपनी की क्षमता सीमित हो सकती है। कंपनी के ऐसे कई बिजनेस फिलहाल ग्रोथ और इनक्यूबेशन के चरण में हैं। पब्लिक फंड के स्रोतों में डिपॉजिट, बैंक फाइनेंस, नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर और कमर्शियल पेपर शामिल हैं। टाटा संस, टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। कंपनी ने इसी साल 20,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक कर्ज को डिबेंचर और बैंक लोन में बदला था और खुद को अपर लेयर नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के दर्जे से मुक्त करने के लिए आवेदन दिया।
हालांकि, रिजर्व बैंक ने अब तक इस सिलसिले में अंतिम फैसले की जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि ऐप्लिकेशन में टाटा संस ने पब्लिक फंड को ऐक्सेस नहीं करने के लिए अंडरटेकिंग दिया है। मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया, ‘टाटा संस ने भले ही रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक अंडरटेकिंग दिया हो, लेकिन यह साफ नहीं है कि यह जरूरी पड़ने पर ग्रुप की विभिन्न कंपनियों को कॉरपोरेट गारंटी दे सकता है या नहीं। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि कॉरपोरेट गारंटी मुहैया कराकर क्या टाटा संस रिजर्व बैंक के नियमों का परोक्ष तौर पर उल्लंघन करेगा, खास तौर पर जब इन गारंटी के सिलसिले में जरूरत पड़ने पर कर्ज जुटाना पड़े।’
वित्त वर्ष 2024 में टाटा संस का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 49,000 करोड़ रुपये रहा, जो इस बात का संकेत है कि उसे भविष्य में किसी तरह की वित्तीय मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। सूत्र ने बताया, ‘बहरहाल, टाटा संस ने इस मामले में रिजर्व बैंक को चिट्ठी लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है।’ इस सिलसिले में टाटा संस को भेजी गई ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।