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Hindustan Unilever के बोर्ड ने आइसक्रीम बिजनेस के डिमर्जर को दिया इन-प्रिंसिपल अप्रूवल, शेयरहोल्डर्स का क्या होगा?

FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर के बोर्ड ने अपने आइसक्रीम बिजनेस को एक अलग एंटिटी में बांटने यानि डिमर्ज करने के लिए इनप्रिंसिपल अप्रूवल दे दिया है। कंपनी ने 25 नवंबर को स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि आइसक्रीम बिजनेस को अब अलग से लिस्ट कराया जाएगा। डिमर्जर के फैसले पर इनप्रिंसिपल अप्रूवल के आगे बोर्ड और शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लिया जाना बाकी है। प्रस्ताव को अगले साल की शुरुआत में बोर्ड के सामने रखा जाएगा।

कंपनी ने बयान में कहा कि बोर्ड ने आइसक्रीम कारोबार को अलग करने के विभिन्न तरीकों पर विचार किया और सभी शेयरहोल्डर्स के लिए मैक्सिमम वैल्यू को ध्यान में रखते हुए उचित विचार-विमर्श के बाद आइसक्रीम बिजनेस को अलग करने के लिए इनप्रिंसिपल अप्रूवल ​दे दिया। शेयरधारकों को एचयूएल में उनकी हिस्सेदारी के रेशियो में नई एंटिटी में शेयर मिलेंगे। इस डिमर्जर के लिए कंपनी के बोर्ड ने पूर्ण मालिकाना हक वाली एक सब्सिडियरी के गठन को भी मंजूरी दे दी है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बयान में कहा, “एक अलग लिस्टेड एंटिटी, HUL के शेयरधारकों के लिए उचित वैल्यू अनलॉक करेगी और उन्हें आइसक्रीम की विकास यात्रा में निवेश करने की फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करेगी।”

HUL के लिए आइसक्रीम कारोबार एक हाई-ग्रोथ सेगमेंट है, जिसमें क्वालिटी वॉल्स, कॉर्नेटो और मैग्नम जैसे मजबूत ब्रांड हैं और ये मुनाफे में है। आइसक्रीम बिजनेस के लिए ब्रांड और तकनीक दोनों का मालिकाना हक यूनिलीवर के पास है। यूनिलीवर ने वैश्विक स्तर पर आइसक्रीम कारोबार को अलग करने की घोषणा की है।

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