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अडानी ग्रुप के खिलाफ सेबी में फिर से जांच, जान लीजिए किस बारे में

Last Updated on November 23, 2024 10:03, AM by Pawan

मुंबई: भारत में शेयर बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) न अडानी समूह (Adani Group) के खिलाफ अमेरिकी आरोपों की जांच शुरू कर दी है। हमारे सहयोगी ईटी ने इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। सूत्रों के मुताबिक सेबी की जांच में भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों को दिए गए झूठे बयानों, खास तौर पर अमेरिकी जांच के बारे में जानकारी का खुलासा न किए जाने के बारे में जानकारी शामिल है।

स्टॉक एक्सचेंजों से मांगी जानकारी

उन्होंने बताया कि सेबी ने अमेरिकी जांच के बारे में अडानी ग्रीन एनर्जी के कम्यूनिकेशन के बारे में स्टॉक एक्सचेंजों से जानकारी मांगी है। साथ ही एक्सचेंजों से रिपोर्ट मिलने के बाद औपचारिक जांच शुरू करने पर विचार किया जाएगा। अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अहमदाबाद हेडक्वार्टर वाले अडानी समूह ने अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानून के संभावित उल्लंघन की जांच के बारे में गलत बयान दिए हैं। जबकि इन मामलों को बाहरी संस्थाओं से जोड़ दिया है।

अडानी ग्रुप का क्या है कहना

अडानी समूह ने इस तरह के किसी भी उल्लंघन से इनकार किया है। ग्रुप ने कहा है कि वह कानूनी उपायों की तलाश कर रहा है। इस मामले के जानकरों ने बताया कि सेबी महत्वपूर्ण मूल्य-संवेदनशील जानकारी साझा न करने के लिए समूह द्वारा संभावित प्रकटीकरण नियम उल्लंघन की जांच कर रहा है। हालांकि इस बारे में नियामक ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया है।

डिस्क्लोजर की जरूरत

पूंजी बाजार में स्टॉक्स एक्सचेंज सेबी के डिस्क्लोजर से जुड़े नियमों को लागू करवाने में फ्रंटलाइन रेगुलेटर्स के रूप में काम करते हैं। इनमें कंपनियों को ऐसी जानकारी का खुलासा करना होता है जो उन्हें या उनके शेयर की कीमतों को भौतिक रूप से प्रभावित कर सकती है, जिसमें नियामक अधिकारियों द्वारा शुरू की गई कार्रवाइयां, चल रहे कानूनी मामले और कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी शामिल है। जानकारी कितनी महत्वपूर्ण मानी जाती है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जाता है कि डिस्क्लोजर के बाद इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

LODR का उल्लंघन?

जॉबी मैथ्यू एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर जॉबी मैथ्यू का कहना है, “अमेरिकी प्रतिभूति विनिमय आयोग द्वारा चल रही जांच का खुलासा, प्रथम दृष्टया, एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसका LODR (लिस्टिंग ऑब्लिगेशन्स एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) के 30(4)(b) के अनुसार अडानी ग्रीन के शेयर की कीमत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।” “अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो यह अडानी ग्रीन द्वारा LODR का उल्लंघन माना जा सकता है।” ऐसी कोई भी जानकारी स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानी चाहिए थी।

धोखाधड़ी भी हो सकती है

मैथ्यू ने कहा, “यदि कंपनी को जांच के बारे में पता था और उसने ऐसी जांच से इनकार करते हुए बयान देने का फैसला किया, तो यह गलत जानकारी देने या जानबूझकर गलत बयान देने के बराबर है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाना है, जो सेबी (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध) विनियमों के तहत धोखाधड़ी भी हो सकती है।” सेबी डिस्क्लोजर वायलेशन के लिए केवल मौद्रिक दंड लगा सकता है।

अमेरिका में क्या हुआ है

अमेरिका में, अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी और उनके भतीजे और अडानी ग्रीन के कार्यकारी निदेशक सागर अडानी सहित अन्य पर कथित तौर पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी योजना बनाने का आरोप लगाया गया है। अभियोग के अनुसार, इसका उद्देश्य राज्य बिजली वितरण कंपनियों को अडानी ग्रीन और सीडीपीक्यू के स्वामित्व वाली एज़्योर पावर द्वारा उत्पादित महंगी सौर ऊर्जा खरीदना था। इसने कहा है कि समूह ने अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय पूंजी तक पहुंच बनाए रखने के लिए निवेशकों से अमेरिकी जांच को छुपाया।

इससे पहले भी हो चुकी है जांच

सेबी ने इससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा स्टॉक मूल्य में हेरफेर, राउंड-ट्रिपिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंटिंग धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अडानी समूह की जांच की थी। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट जनवरी 2023 में प्रकाशित हुई थी।

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