Last Updated on November 2, 2024 1:41, AM by Pawan
डाबर इंडिया के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं हैं। कंपनी की सेल्स पर मानसून का असर पड़ा। हालांकि, विदेश में कंपनी की सेल्स अच्छी रही। कंपनी ने जनरल ट्रेड में इनवेंट्री को तर्कसंगत बनाने का फैसला लिया। इसका मकसद चैनल पार्टनर्स का रिटर्न ऑन इक्विटी बढ़ाना था। लेकिन, डोमेस्टिक बिजनेस में प्राइमरी सेल्स पर इसका काफी असर पड़ा। इसके अलावा बारिश के मौसम और कुछ इलाकों में बाढ़ की वजह से बेवेरेज कैटेगरी में सेल्स कम रही।
मैनेजमेंट को आगे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
Dabur के मैनेजमेंट ने कहा है कि ये चैलेंज थोड़े समय के लिए हैं। उसने डिमांड ट्रेंड बेहतर होने की उम्मीद जताई है। कंपनी को ग्रामीण इलाकों में भी मांग में रिकवरी की उम्मीद है। कंपनी के फूड बिजनेस का प्रदर्शन अच्छा रहा है। सब-वर्टिकल्स में अच्छी ग्रोथ दिखी है। पिछली तिमाही में सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतों के बाद बादशाह मसाला बिजनेस में ग्रोथ दिखी है। इस बिजनेस का रेवेन्यू FY25 में 500 करोड़ रुपये पार कर जाने की उम्मीद है।
विदेश में कंपनी के प्रोडेकट्स की अच्छी मांग
जूस बिजनेस का रेवेन्यू घटा है, लेकिन इसकी बाजार हिस्सेदारी 240 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ी है। जूस पोर्टफोलियो में मार्जिन बढ़ा है। कंपनी ग्लोबल मार्केट्स में प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए कैपेसिटी बढ़ा रही है। यह नए मार्केट्स में भी अपनी मौजूदगी चाहती है। करेंसी में उतारचढ़ाव घटने पर इंटरनेशनल बिजनेस के मार्जिन में इजाफा होने की उम्मीद है। मिडिलईस्ट में कंपनी के लिए मौके बढ़े हैं। ऑपरेटिंग इनवायरमेंट चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद कंपनी ब्रांड को स्ट्रॉन्ग बनाने पर निवेश कर रही है।
सेसा केयर के अधिग्रहण का मिलेगा फायदा
डाबर ने कहा है कि वह Sesa Care में 51 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करेगी। इस प्रीमियम हेयर ऑयल बिजनेस के अधिग्रहण से कंपनी को फायदा हो सकता है। ग्रामीण इलाकों में बेहतर प्रदर्शन की बदौलत डाबर का प्रदर्शन प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से बेहतर रहने की उम्मीद है। कंपनी ओडोनील और ओडोमास जैसे प्रमुख ब्रांड्स की बदौलत प्रीमियम प्रोडेक्स कैटेगेरी में अपनी लीडरशिप बनाए रख सकती है। ओरल केयर में भी यह अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है।
निवेशक को क्या करना चाहिए?
बीते एक महीने में डाबर के शेयरों में 13 फीसदी की गिरावट आई है। अभी शेयर में FY26 की अनुमानित अर्निंग्स के 42 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। लंबी अवधि में ग्रोथ को देखते हुए वैल्यूएशन की रिरेटिंग हो सकती है। इनवेस्टर्स शेयरों में आई गिरावट के मौके का फायदा उठाते हुए डाबर के स्टॉक्स में निवेश बढ़ा सकते हैं।