Last Updated on October 31, 2024 13:09, PM by
हर दीपावली (Diwali) पर शाम को शेयर बाजार (Share Market) में एक विशेष कारोबारी सत्र आयोजित किया जाता है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) कहा जाता है. दीपावली के समय नए संवत की शुरुआत होती है. इस दौरान पूजन के समय निवेश करना काफी अच्छा माना जाता है और लोगों की इन भावनाओं को देखते हुए दीपावली के दिन शेयर बाजार में निवेश के लिए एक घंटे की स्पेशल विंडो दी जाती है. इस दौरान निवेशक अपने डीमैट खाते के जरिए आसानी से शेयरों में निवेश कर सकते हैं.
इस साल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की ओर से मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन एक नवंबर को रखा गया है और शाम 6 से 7 बजे तक लोग शेयर बाजार में निवेश कर पाएंगे. हालांकि, दिन के दौरान बाजार में कारोबार बंद हुआ है. मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के दौरान बाजार के सभी सेगमेंट में सामान्य कारोबार होता है और इक्विटी के साथ डेरिवेटिव में भी ट्रेड कर सकते हैं.
मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत पहली बार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर वर्ष 1957 में हुई थी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर मुहूर्त ट्रेडिंग वर्ष 1992 से शुरू हुई थी. इलेक्ट्रॉनिक डीमैट अकाउंट आने से पहले ट्रेडर्स एक्सचेंजों पर आकर मुहूर्त ट्रेडिंग में हिस्सा लेते थे.
मुहूर्त ट्रेडिंग के बीते 11 वर्षों के इतिहास को उठाकर देखें तो 11 में से 9 सत्रों में शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रदर्शन किया है. 2018 से बाजार ने मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन लगातार सकारात्मक रिटर्न दिया है. केवल 2016 और 2017 में नकारात्मक रिटर्न दिया था.
2023 के मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में सेंसेक्स 355 अंक या 0.55 प्रतिशत बढ़कर 65,259 और निफ्टी 50 इंडेक्स 100 अंक या 0.52 प्रतिशत बढ़कर 19,525 पर बंद हुआ था. इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने लार्जकैप से बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.67 प्रतिशत और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 1.14 प्रतिशत का रिटर्न दिया था.