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Dabur India के शेयरों में भारी गिरावट, 8% टूटा भाव, ब्रोकरेज ने भी घटा दिए टारगेट प्राइस, जानें कारण

Last Updated on October 3, 2024 10:33, AM by Pawan

Dabur India Share Price: डाबर इंडिया के शेयरों में आज 3 अक्टूबर को तगड़ी गिरावट देखी गई। शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर करीब 8% तक लुढ़क गए। यह गिरावट कंपनी की ओर से जारी एक बिजनेस अपडेट के बाद आई है। FMCG सेक्टर की इस दिग्गज कंपनी ने बताया कि सितंबर तिमाही के दौरान बाढ़ और भारी बारिश जैसी मौसमी घटनाओं के चलते उपभोक्ताओं के खपत में कमी आई है और इसका असर उसकी बिक्री पर पड़ा है। इसके बाद ब्रोकरेज फर्मों ने भी सितंबर तिमाही के दौरान उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए कंपनी के टारगेट प्राइस में कटौती करनी शुरू दी।

डाबर इंडिया ने बताया कि सितंबर तिमाही के दौरान उसके कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू में मध्य-एकल अंकों में गिरावट का अनुमान है। कंपनी ने कहा कि इसके चलते सितंबर तिमाही के दौरान उसके मुनाफे पर भी असर पड़ सकता है। वहीं अधिक निवेश और डीलीवरेजिंग के चलते ऑपरेटिंग मार्जिन के भी गिरकर 15 से 19% के बीच रहने की उम्मीद है।

सुबह 9.50 बजे के करीब, डाबर इंडिया के शेयर एनएसई पर 5.7 फीसदी की गिरावट के साथ 583.75 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। इस साल अबतक कंपनी के शेयरों में करीब 9.93 फीसदी की तेजी आई है।

ब्रोकरेज कंपनियों को उम्मीद है कि अक्टूबर से कंपनी की बिक्री में बढ़ोतरी होगी, लेकिन मांग में सुस्ती चिंता का विषय है। इन्वेस्टेक के अनुसार, सितंबर तिमाही डाबर इंडिया के लिए पिछले चार साल की सबसे कमजोर तिमाही होगी।

अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज सिटी (Citi) ने डाबर इंडिया को ‘बेचने’ की सलाह दी है, और इसके टारगेट प्राइस को घटाकर 570 रुपये प्रति शेयर कर दिया है। बिजनेस अपडेट के बाद, सिटी ने अपने वित्त वर्ष 25-27 के आय अनुमान में 3-6 प्रतिशत की कटौती की है।

मैक्वेरी (Macquarie) ने चैनल इन्वेंट्री से होने वाले नुकसान को देखते हुए डाबर के वित्त वर्ष 25 के ईपीएस अनुमान में आठ प्रतिशत की कटौती की है। मैक्वेरी ने डाबर के लिए अपने टारगेट प्राइस को भी घटाकर 560 रुपये प्रति शेयर कर दिया है।

एमके ग्लोबल (Emkay Global) ने डाबर की रेटिंग को पहले के ‘Buy’ से घटाकर ‘Add’ कर दिया है। ब्रोकरेज ने कहा कि रणनीतिक उपायों के कारण शेयर में कोई भी अच्छी गिरावट एंट्री करने का मौका हो सकता है, बशर्ते कि इसके लंबी अवधि की फंडामेंटल बातें सही स्थिति में हों।

 

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