Last Updated on September 29, 2024 4:04, AM by Pawan
Diffusion Engineers IPO Subscription: डिफ्यूजन इंजीनियर्स के ₹158.00 करोड़ के आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिल रहा है। दो दिन में यह इश्यू 27 गुना से अधिक सब्सक्राइब हो चुका है। खुदरा निवेशक भी ताबड़तोड़ बोली लगा रहे हैं और उनका आरक्षित हिस्सा 33 गुना से अधिक भर चुका है। अभी इश्यू को सब्सक्राइब को करने का मौका एक दिन और मिलेगा। अब ग्रे मार्केट में बात करें तो आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से इसके शेयर 64 रुपये यानी 38.1 फीसदी की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर ट्रेड हो रहे हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी की कारोबारी सेहत के हिसाब से आईपीओ में निवेश से जुड़े फैसले लेने चाहिए।
कैटेगरीवाइज सब्सक्रिप्शन
क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB)- 0.28 गुना
नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII)- 47.08 गुना
खुदरा निवेशक- 33.91 गुना
एंप्लॉयीज- 36.64 गुना
टोटल- 27.19 गुना
Diffusion Engineers IPO की डिटेल्स
डिफ्यूजन इंजीनियर्स के ₹158.00 करोड़ के आईपीओ में ₹159-₹168 के प्राइस बैंड और 88 शेयरों के लॉट में 30 सितंबर तक पैसे लगा सकते हैं। एंप्लॉयीज को हर शेयर पर 8 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 1 अक्टूबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 4 अक्टूबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 94.05 लाख नए शेयर जारी होंगे। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी मौजूदा मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी के विस्तार, नई मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी सेटअप करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
Diffusion Engineers के बारे में
वर्ष 1982 में बनी डिफ्यूजन इंजीनियर्स वेल्डिंग कंज्यूमेबल्, वियर प्लेट और पार्ट्स और हैवी मशीनरी बनाती है। इसके चार मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स हैं जिसमें से तीन तो नागपुर इंडस्ट्रियल एरिया में हैं और एक नागपुर के ही खापरी में ही हैं। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 17.05 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 22.15 करोड़ रुपये और फिर वित्त वर्ष 2024 में 30.8 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना करीब 17 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 285.56 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
