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Titan के अजय चावला ने कहा-Tanishq की 44 फीसदी सेल्स एक्सचेंज ज्वैलरी से आती है

Last Updated on August 30, 2024 17:39, PM by Pawan

तनिष्क की सेल्स का 44 फीसदी से ज्यादा हिस्सा ज्वेलरी के एक्सचेंज से आता है। टाइन कंपनी के ज्वैलरी डिवीजन के सीईओ अजय चावला ने यह बताया। उन्होंने कहा कि यह डेटा बढ़ रहा है। उन्होंने 28 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेल्स का 44 फीसदी एक्सचेंज ज्वेलरी-तनिष्क एक्सचेंज या नॉन-तनिष्क एक्सचेंज से आता है। उन्होंने कहा कि पिछले सा यह वैल्यू के हिसाब से करीब 50 फीसदी तक पहुंच गया था, लेकिन वॉल्यूम के लिहाज से 10-15 फीसदी कम था। उन्होंने कहा कि युवा ग्राहक भी गोल्ड में निवेश कर रहे हैं।

उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस में De Beers के साथ तीन साल के एक्सक्लूसिव समझौते का ऐलान किया। डी बीयर्स यूनाइटेड किंग्डम की कंपनी है। इसका ऐड कंपेन स्लोगन ‘डायमंड इन फोरएवर’ बहुत मशहूर है। इस समझौते के तहत कंपनी ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाने की कोशिश करेगी। इसके लिए तनिष्क के रिटेल स्टाफ का इस्तेमाल होगा। वे ग्राहकों को नेचुरल डायमंड्स के बारे में बताएंगे। वे ग्राहकों को उसकी विश्वसनीयता का भी भरोसा दिलाएंगे।

चावला ने कहा, “इससे रिटेल बेस बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही रेवेन्यू भी बढ़ेगा।” उन्होंने बताया कि ग्राहकों के साथ पारदर्शिता के लिए गोल्ड या डायमंड ज्वैलरी के एक्सचेंज में कंपनी प्रोडक्ट की प्रामाणिकता जांचने के बाद उसे वापस मौजूदा रेट पर खरीद लेती है। प्रामाणिकता वाले प्रोडक्ट के एक्सचेंज से बहुत बड़ा मार्केट खुल गया है। इससे ऐसे मार्केट में भरोसा पैदा करने में मदद मिल रही है, जिसके बढ़ने की काफी गुंजाइश है

पिछले साल कंपनी की ज्वैलरी सेल्स 42,000 करोड़ रुपये की थी। इसके अलावा कैरेटलेन की सेल्स 3,000 करोड़ रुपये थी। 45,000 की ज्वैलरी की सेल्स में डायमंड स्टडेड ज्वेलरी की हिस्सेदारी 30 फीसदी थी। यह जानकारी चावला ने दी। उन्होंने कहा कि खासकर युवाओं की दिलचस्पी लैब में विकसित डायमंड में बढ़ रही है। लैब में विकसित डायमेंड की सेल्स बढ़ रही है, लेकिन इनवेस्टमेंट के लिहाज से अब भी नेचुरल डायमंड अपनी खासियत संजोए हुए हैं।

चावला ने कहा कि पिछले कुछ सालों में डायमंड की कीमतों में उतारचढ़ाव रहा है। उन्होंने कहा कि यह जानकार उन्हें हैरानी हुई की लैब में विकसित डायमंड प्रति कैरेट 50 डॉलर में उपलब्ध था। उन्होंने कहा कि डायमंड की इनवेस्टमेंट वैल्यू है। लैब में विकसित डायमंड सस्ते हैं, लेकिन नेचुरल डायमंड ज्यादा अट्रैक्टिव हैं। हालांकि, उन्होंने यह माना का चूंकि ज्यादा कंपनियां लैब डायमंड्स के फैशन स्पेस में आ रही हैं, जिससे यह सेगमेंट काफी फैशनेबल बन सकता है। हालांकि, इसमें तनिष्क को मौका दिख रहा है या नहीं, यह अभी बताना मुश्किल है।

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