Last Updated on August 26, 2024 9:16, AM by Pawan
FPI: विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक देश के बॉन्ड बाजार (Bond Market) में 11,366 करोड़ रुपये लगाये हैं. इसके साथ बॉन्ड क्षेत्र में नेट रूप से कैपिटल इनफ्लो इस साल 1 लाख करोड़ रुपये का पार कर गया है. भारत के बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेशकों की मजबूत खरीदारी का कारण इस साल जून में जेपी मॉर्गन के उभरता बाजार सरकारी बॉन्ड इंडेक्स में भारत को शामिल किये जाने को दिया जा सकता है.
बॉन्ड बाजार में 11,366 करोड़ रुपये निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने (24 अगस्त तक) बॉन्ड बाजार में 11,366 करोड़ रुपये लगाये हैं. भारतीय बॉन्ड बाजार में जुलाई में 22,363 करोड़ रुपये, जून में 14,955 करोड़ रुपये और मई में 8,760 करोड़ रुपये के नेट निवेश हुए थे. इससे पहले, उन्होंने अप्रैल में 10,949 करोड़ रुपये निकाले थे.
इस ताजा कैपिटल इनफ्लो के साथ, 2024 में अब तक बॉन्ड में एफपीआई (FPI) का नेट निवेश 1.02 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि अक्टूबर 2023 में भारत के शामिल होने की घोषणा के बाद से, एफपीआई ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होने की उम्मीद में अपने निवेश को आगे बढ़ा रहे हैं. और इसके शामिल होने के बाद भी पूंजी प्रवाह मजबूत बना हुआ है.
FPI ने इक्विटी से निकाले ₹16,305 करोड़
दूसरी ओर, येन कैरी ट्रेड यानी निम्न ब्याज दर वाले वाले देश से कर्ज लेकर दूसरे देश की परिसंपत्तियों में निवेश को समाप्त करने, अमेरिका में मंदी की आशंका और वैश्विक स्तर पर जारी संघर्षों के कारण, इस महीने अब तक एफपीआई ने इक्विटी से 16,305 करोड़ रुपये से अधिक निकाले हैं.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, रिसर्च मैनेजर, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बजट में इक्विटी निवेश पर कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी की घोषणा ने इस बिकवाली को काफी हद तक बढ़ाया है
हाई वैल्युएशन के कारण FPI सतर्क
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, भारतीय शेयरों के हाई वैल्युएशन के कारण एफपीआई (FPI) सतर्क हैं. साथ ही अमेरिका में रोजगार के कमजोर आंकड़े से मंदी की बढ़ती आशंका, नीतिगत दर में कटौती के समय को लेकर अनिश्चितता और येन कैरी ट्रेड समाप्त होने से भी एफपीआई सतर्क रुख अपना रहे हैं. कुल मिलाकर, भारत एफपीआई के जरिये दीर्घकालिक निवेश आकर्षित कर रहा है और इस मामले में स्थिति अनुकूल बनी हुई है.
बीडीओ इंडिया के भागीदार मनोज पुरोहित ने कहा, वैश्विक मंदी, पश्चिम एशिया और पड़ोसी देशों में भू-राजनीतिक संकट के बीच, भारत अभी भी आकर्षक निवेश स्थल बना हुआ है. इससे विदेशी निवेशक दीर्घकालिक निवेश के लिए आगे आ रहे हैं
