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ट्रम्प टैरिफ के बाद भातर-अमेरिका के बीच पहली डील: अपने जरूरत का 10% गैस US से खरीदेगा भारत, किफायती LPG मिल सकता है

ट्रम्प टैरिफ के बाद भातर-अमेरिका के बीच पहली डील:  अपने जरूरत का 10% गैस US से खरीदेगा भारत, किफायती LPG मिल सकता है

Last Updated on November 17, 2025 16:36, PM by Pawan

 

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल कंज्यूमर है। हम अपनी जरूरत का करीब 88% तेल दूसरे देशों से ही खरीदते हैं।

भारत ने ट्रम्प के टैरिफ और अमेरिका के साथ ट्रेड डील टेंशन के बीच पहला LPG (लिक्वीफाइड पेट्रोलियम गैस) इंपोर्ट डील साइन किया है। इस डील के तहत भारत अमेरिका से करीब 2.2 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) LPG इंपोर्ट करेगा, जो इसके सालाना जरूरत का 10% है। फिलहाल यह डील केवल एक साल यानी 2026 के लिए होगा।

 

ये डील भारत की सरकारी तेल कंपनियां- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) ने अमेरिकी एनर्जी सप्लायर्स- चेवरॉन, फिलिप्स 66 और टोटल एनर्जीज ट्रेडिंग के साथ किया है। पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने इसे ‘हिस्टोरिक फर्स्ट’ बताया है।

डील के 5 संभावित फायदे

  • ये डील भारत की एनर्जी सिक्योरिटी को मजबूत करेगा।
  • ट्रेडिशनल सोर्सेज पर निर्भरता कम होगी, जिससे सप्लाई चेन ज्यादा स्टेबल बनेगी।
  • ग्रामीण और कम आय वाले परिवारों को किफायती LPG मिल सकता है।
  • दुनियाभर में बदलती कीमतों का असर कम होगा।
  • ये US के साथ ट्रेड बैलेंस करने में मदद करेगा।

भारत का US के साथ ट्रेड सरप्लस है और रशियन क्रूड इंपोर्ट्स पर US टैरिफ्स (50% तक) लगे हैं। अब एनर्जी खरीद बढ़ाकर ट्रेड डील फाइनल करने की कोशिश है।

पेट्रोलियम मिनिस्टर बोले- भारत का बाजर अमेरिका के लिए खुला

पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘दुनिया का सबसे बड़ा और तेजी से बढ़ता LPG मार्केट अमेरिका के लिए खुल गया है। हमने एनर्जी सप्लाई को डाइवर्सिफाई करने के लिए ये कदम उठाया है। 2.2 MTPA का ये डील हमारे सालाना आयात का 10% है, जो US गल्फ कोस्ट से आएगा। ये इंडियन मार्केट के लिए US LPG का पहला स्ट्रक्चर्ड कॉन्ट्रैक्ट है।’

वहीं, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा, ‘एनर्जी वो एरिया है जहां सबको साथ काम करना चाहिए। भारत एनर्जी का बड़ा प्लेयर है और हम US समेत दुनिया भर से इंपोर्ट करते हैं। आने वाले सालों में US के साथ एनर्जी ट्रेड बढ़ेगा।

हम क्लोज फ्रेंड्स और नेचुरल पार्टनर्स हैं, इसलिए एनर्जी सिक्योरिटी में US की रोल बढ़ेगी।’ US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और PM नरेंद्र मोदी के बीच भी US को भारत का लीडिंग ऑयल-गैस सप्लायर बनाने पर बात हुई है।

ज्यादातर गैस सऊदी अरब, UAE, कतर और कुवैत से

ये समझौता US गल्फ कोस्ट से LPG मंगाएगा, जो माउंट बेलव्यू बेंचमार्क पर बेस्ड है। ये पहली बार है जब भारत ने अमेरिका के साथ लॉन्ग-टर्म स्ट्रक्चर्ड कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। पहले ज्यादातर LPG वेस्ट एशिया के देशों जैसे सऊदी अरब, UAE, कतर और कुवैत से आता था।

अब ये डील सोर्सिंग को डाइवर्सिफाई करेगी। इंडियन PSU ऑयल कंपनियों की टीमों ने हाल ही में अमेरिकी प्रोड्यूसर्स के साथ बातचीत के बाद ये फाइनल किया। वॉल्यूम इतना बड़ा है कि ये भारत के तेजी से बढ़ते LPG मार्केट को सपोर्ट करेगा, जहां करीब 60% जरूरत इंपोर्ट से पूरी होती है।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल कंज्यूमर

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल कंज्यूमर है। हम अपनी जरूरत का करीब 88% तेल दूसरे देशों से ही खरीदते हैं। LPG की बात करें तो ये कुकिंग फ्यूल के लिए जरूरी है और देश में 30 करोड़ से ज्यादा घरों को सब्सिडाइज्ड सिलेंडर मिलते हैं।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रूरल एरिया में पोल्यूटिंग फ्यूल्स को रिप्लेस करने के लिए LPG पेनेट्रेशन बढ़ाया जा रहा है। पिछले साल ग्लोबल LPG प्राइसेज 60% से ज्यादा बढ़ीं, लेकिन सरकार ने ₹40,000 करोड़ से ज्यादा सब्सिडी देकर कंज्यूमर्स को प्रोटेक्ट किया। उज्ज्वला यूजर्स को सिलेंडर ₹500-550 में मिलता है, जबकि असल कीमत ₹1,100 से ऊपर है।

 

 

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