Last Updated on November 17, 2025 21:35, PM by Pawan
8th Pay Commission: क्या पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोगा में डीए का फायदा नहीं मिलेगा? पेंशनर्स और कर्मचारियों को महंगा भत्ता मिलना बंद हो सकता है? दसअसल, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स में बेचैनी फैलने लगी जब व्हाट्सऐप पर एक मैसेज तेजी से वायरल होने लगा। इस मैसेज में दावा किया गया था कि फाइनेंस एक्ट 2025 के बाद DA बढ़ोतरी और वेतन आयोग से मिलने वाले फायदे बंद हो जाएंगे। देखते ही देखते यह खबर सोशल मीडिया पर फैल गई और कई कर्मचारियों व पेंशनर्स के मन में सवाल उठने लगे कि क्या सही में सरकार महंगाई भत्ता और पेंशन फायदों में कोई बड़ी कटौती करने जा रहा है?
लेकिन PIB की फैक्ट चेक टीम ने इस दावे को पूरी तरह गलत बताया है। एजेंसी ने कहा कि सरकार ने किसी भी तरह की DA बढ़ोतरी या वेतन आयोग फायदों को बंद नहीं किया है। यह दावा सिर्फ गलतफहमी और सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों का नतीजा है।
गलतफहमी कैसे हुई?
यह अफवाह दरअसल CCS (Pension) Rules 2021 के Rule 37(29)(c) में हुए एक छोटे से रिवीजन के गलत मतलब निकालने से हुई। नए नियम के अनुसार अगर कोई सरकारी कर्मचारी बाद में किसी PSU में अब्जॉर्ब होकर काम करता है और वहां किसी गंभीर अनुशासनहीनता (misconduct) के कारण नौकरी से निकल दिया जाता है, तो उसके सरकारी सर्विस में बीते सालों के रिटायरमेंट फायदों को भी खत्म किया जा सकता है। यानी PSU में misconduct होने पर रिटायरमेंट फायदों पर असर पड़ेगा। यह नियम सिर्फ PSU में अब्जॉर्ब हुए कर्मचारियों पर लागू है। बाकी सभी केंद्रीय सरकारी पेंशनर्स पर इसका कोई असर नहीं।
PIB ने साफ शब्दों में कहा कि DA hikes, Pay Commission benefits या पेंशन में मिलने वाले अन्य फायदों को वापस लेने का कोई नियम या फैसला नहीं हुआ है।
PIB ने क्या कहा?
PIB Fact Check ने अपने आधिकारिक X (ट्विटर) पोस्ट में लिखा कि सोशल मीडिया पर फैल रहा दावा पूरी तरह गलत है। सरकार ने DA बढ़ोतरी या वेतन आयोग से मिलने वाले फायदों को बंद नहीं किया है।
8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का बड़ा अपडेट
सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) का टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी कर दिया है। इसका मतलब है कि अब आयोग आधिकारिक रूप से अपना काम शुरू कर चुका है।
कौन कर रहा है नेतृत्व?
8th CPC की अध्यक्षता जस्टिस रंजना देसाई कर रही हैं, और कुल तीन सदस्यों की यह समिति बनायी गई है।
आयोग क्या-क्या देखेगा?
तन्ख्वाह के मौजूदा स्ट्रक्चर की समीक्षा।
भत्तों, पेंशन, सर्विस कंडीशन्स का रिसर्च।
सरकारी कर्मचारियों और निजी/PSU सेक्टर के बीच पे-पैरिटी।
वित्तीय स्थिति और सरकार पर पड़ने वाले बोझ का आकलन।
राज्य सरकारों पर असर क्योंकि वे भी अक्सर केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें अपनाती हैं।
सरकार ने आयोग को सुझाव दिया है कि वह वेतन बढ़ोतरी में आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन को भी ध्यान में रखे।
सिफारिश कब तक आएंगी?
सरकार ने आयोग को 18 महीने का समय दिया है। यानी अप्रैल 2027 तक 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट आ जानी चाहिए। आयोग चाहे तो बीच-बीच में अंतरिम रिपोर्ट भी भेज सकता है। रिपोर्ट आने के बाद सरकार उसकी समीक्षा करेगी और लागू करने पर फैसला लेगी। यदि सब कुछ समय से हुआ, तो केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को 2027 के बाद नया सैलरी स्ट्रक्चर मिल सकता है।