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एंप्लॉयी के EPF पर रहता है ₹7 लाख तक का फ्री बीमा, कंपनी भरती है प्रीमियम

एंप्लॉयी के EPF पर रहता है ₹7 लाख तक का फ्री बीमा, कंपनी भरती है प्रीमियम

Last Updated on November 16, 2025 11:44, AM by Khushi Verma

अगर आप ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करते हैं और आपका एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (EPF) कटता है तो आप 7 लाख रुपये तक के फ्री बीमा के तहत कवर हैं। EPF को मैनेज करने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सभी सब्सक्राइबर्स/सदस्य कर्मचारियों के लिए यह बीमा रहता है। यह एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 (EDLI) के तहत होता है और हर EPF खाताधारक EDLI स्कीम में कवर होता है। EDLI स्कीम का कवर उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार के लिए भी है, जिन्होंने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक कंपनियों में नौकरी की हो।

मेंबर एंप्लॉयी का नॉमिनी, एंप्लॉयी की किसी बीमारी से मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु या स्वाभाविक मृत्यु होने पर बीमा का क्लेम कर सकता है। EDLI स्कीम में मिनिमम इंश्योरेंस अमाउंट 2.5 लाख रुपये है। मैक्सिमम अमाउंट 7 लाख रुपये है। इंश्योरेंस अमाउंट तय करते समय कर्मचारी के पिछले 12 महीनों की एवरेज सैलरी+DA और PF खाते में जमा रकम को आधार माना जाता है।

बीमा के लिए कर्मचारी का नहीं कटता कोई पैसा

EDLI में एंप्लॉयी की ओर से कोई रकम या प्रीमियम नहीं जाता है। इसमें केवल कंपनी की ओर से योगदान होता है। यह कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 प्रतिशत होता है। लेकिन ध्यान रहे कि अधिकतम बेसिक सैलरी लिमिट 15 हजार रुपये ही काउंट होगी, फिर चाहे कर्मचारी का वास्तविक बेसिक वेतन कितना ही ज्यादा क्यों न हो। EDLI स्कीम में क्लेम के पैसों का भुगतान एकमुश्त होता है।

अगर नॉमिनी नहीं बनाया तो..

अगर स्कीम के तहत मेंबर एंप्लॉयी ने कोई नॉमिनेशन नहीं किया है यानि कि नॉमिनी नहीं बनाया है तो कवरेज का फायदा मृत कर्मचारी के जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियों और नाबालिग बेटा/बेटों को मिलेगा। लेकिन यह जरूरी है कि मरने वाला मेंबर एंप्लॉयी EPF का एक्टिव कॉन्ट्रीब्यूटर होना चाहिए, यानि उसकी मौत के वक्त तक उसकी ओर से PF में कॉन्ट्रीब्यूशन जारी होना चाहिए।

बता दें कि ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+DA का 12 प्रतिशत EPF में एंप्लॉयी कॉन्ट्रीब्यूशन के तौर पर जाता है। 12 प्रतिशत का ही कॉन्ट्रीब्यूशन कंपनी/एंप्लॉयर की ओर से भी होता है। लेकिन एंप्लॉयर के 12 प्रतिशत में से 8.33 प्रतिशत एंप्लॉयी पेंशन स्कीम यानि EPS में जाता है और बाकी EPF में।

कैसे कर सकते हैं क्लेम

अगर EPF सब्सक्राइबर यानि मेंबर एंप्लॉयी की असमय मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं। क्लेम करने वाला अगर 18 साल से कम उम्र का है तो उसकी तरफ से उसका अभिभावक क्लेम कर सकता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को एंप्लॉयी की मृत्यु का प्रमाण पत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट, नाबालिग नॉमिनी की ओर से अभिभावक द्वारा दावा किए जाने पर गार्जियनशिप सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत होती है। अगर PF खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी क्लेम कर सकता है।

EPF खाते से पैसा निकालने के लि‍ए एंप्लॉयर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ इंश्योरेंस कवर का फॉर्म 5 IF भी जमा करना होगा। इस फॉर्म को एंप्लॉयर वेरिफाई करेगा। अगर एंप्लॉयर से वेरिफिकेशन पॉसिबिल नहीं है तो फॉर्म को नीचे मेंशन किए गए लोगों में किसी एक द्वारा वेरिफाई कराना होगा…

गजटेड अधिकारी

मजिस्ट्रेट

पोस्टमास्टर या सब पोस्टमास्टर

सांसद या विधायक

ग्राम पंचायत के अध्यक्ष

CBT या EPF की क्षेत्रीय समिति के सदस्य

बैंक मैनेजर (उस बैंक का) जिसमें खाता रखा गया था

नगरपालिका या जिला स्थानीय बोर्ड के अध्यक्ष/सचिव/सदस्य

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