Last Updated on November 15, 2025 21:33, PM by Pawan
14 नवंबर को भले ही सोने में बिकवाली का दबाव रहा हो लेकिन वीकली बेसिस पर इसने तेजी देखी है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के प्राइस के मुताबिक, इस सप्ताह सोने की कीमत 2000 रुपये या लगभग 2% से अधिक बढ़ने में कामयाब रही। शुक्रवार को MCX पर सोना 2.64 प्रतिशत गिरावट के साथ 123400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। अमेरिका के फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता बढ़ने से सप्ताह के अंत में सोने की कीमतों में नरमी आई। नए आर्थिक आंकड़ों की कमी से ब्याज दरों में और कटौती में देरी हो सकती है। इससे डॉलर सूचकांक मजबूत हुआ, जिससे सोने पर अतिरिक्त दबाव पड़ा।
1 अक्टूबर से अमेरिका में जारी शटडाउन के कारण सरकारी एजेंसियों पर असर पड़ा है और नए आर्थिक आंकड़ों के जारी होने में देरी हुई है। इसके चलते फेडरल रिजर्व के अधिकारी सतर्क हो गए हैं। हालांकि अमेरिकी लॉ मेकर्स ने एक अस्थायी स्पेंडिंग बिल पास कर दिया है। इससे अमेरिकी सरकारी विभागों में इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन खत्म होने वाला है।
सप्ताह के दौरान किन वजहों ने सोने को दिया बूस्ट
ऐसा माना जा रहा है कि मजबूत वैश्विक संकेतों, डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी सरकार के शटडाउन ने सोने की कीमतों को बढ़ावा दिया। अब इस शटडाउन के खत्म होने के बाद जारी होने वाले आर्थिक आंकड़े, सोने के लिए अगला बड़ा बूस्ट साबित हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आर्थिक डेटा कमजोर रहने का अनुमान ज्यादा है। शंघाई में सोने के भंडार में भारी बढ़ोतरी भी तेजी का एक कारण रहा।
आगे कहां जा सकता है सोना
विदेशी बाजार में सोने का हाजिर भाव 4,137.88 डॉलर प्रति औंस पर है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेपी मॉर्गन प्राइवेट बैंक का कहना है कि गोल्ड साल 2026 में 5000 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच सकता है। बैंक के ग्लोबल हेड ऑफ मैक्रो एंड फिक्स्ड इनकम स्ट्रेटजी एलेक्स वुल्फ के मुताबिक, 2026 के अंत तक गोल्ड की कीमतें $5,200 से $5,300 प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। गोल्डमैन सैक्स ने दिसंबर 2026 तक गोल्ड के 4,900 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच जाने का अनुमान जताया है। ANZ का मानना है कि अगले साल के मध्य तक सोना 4,600 डॉलर प्रति औंस पर होगा। विदेशी बाजारों में सोने में उछाल डोमेस्टिक मार्केट में भी कीमतों में तेजी लाएगा।