Last Updated on November 15, 2025 18:52, PM by Pawan
मार्केट वैल्यूएशन के हिसाब से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 8 की वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में ₹2,05,185.08 करोड़ (₹2.05 लाख करोड़) बढ़ी है। इस दौरान टेलीकॉम कंपनी एयरटेल टॉप गेनर रही। कंपनी की वैल्यू 55,653 करोड़ बढ़कर ₹11.97 लाख करोड़ पर पहुंच गया है।
दूसरे नंबर पर देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। इसकी वैल्यू 54,942 करोड़ रुपए बढ़कर ₹20.55 लाख करोड़ को पार कर गया है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भी इस दौरान अपने मार्केट कैप में ₹40,758 करोड़ जोड़े हैं।
अगर आप इन शेयरों के निवेशक हैं तो आपको इस हफ्ते काफी फायदा हुआ होगा। क्योंकि शेयरों की वैल्यू बढ़ने के बाद आगर आप बेचते हैं तो ज्यादा मुनाफा मिल सकता है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है।
इसे एक उदाहरण से समझें…
मान लीजिए… कंपनी ‘A’ के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी।
कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं…
| बढ़ने का क्या मतलब | घटने का क्या मतलब |
| शेयर की कीमत में बढ़ोतरी | शेयर प्राइस में गिरावट |
| मजबूत वित्तीय प्रदर्शन | खराब नतीजे |
| पॉजिटीव न्यूज या इवेंट | नेगेटिव न्यूज या इवेंट |
| पॉजिटीव मार्केट सेंटिमेंट | इकोनॉमी या मार्केट में गिरावट |
| हाई प्राइस पर शेयर जारी करना | शेयर बायबैक या डीलिस्टिंग |
मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है।
निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं।
उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है।
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इस हफ्ते सोना ₹4,694 महंगा होकर ₹1.25 लाख पहुंचा: चांदी ₹11,092 महंगी हुई; 2025 में गोल्ड ₹48,632 और सिल्वर ₹73,350 चढ़े

सोना-चांदी के दाम में बीते तीन हफ्ते लगातार गिरावट के बाद चौथे हफ्ते बड़ी तेजी है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 07 नवंबर को सोना ₹1,20,100 प्रति 10 ग्राम पर था, जो 14 नवंबर तक 4,694 रुपए बढ़कर 1,24,794 रुपए पर पहुंच गया। 17 अक्टूबर को सोना 1,30,874 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था, यह उसकी सबसे महंगी कीमत है।