Last Updated on November 7, 2025 13:09, PM by Pawan
Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार 7 नवंबर को लगातार तीसरे दिन तेज गिरावट देखने को मिली। ग्लोबल बाजारों से कमजोर संकेत, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और मुनाफावसूली के चलते निवेशकों में सतर्कता का माहौल रहा। सुबह करीब 10:30 बजे, सेंसेक्स 640.06 अंक या 0.62% गिरकर 82,670.95 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 191.25 अंकों की गिरावट के साथ 25,318.45 पर ट्रेड कर रहा था। भारती एयरटेल, HCL टेक्नोलॉजीज और टेक महिंद्रा जैसे दिग्गज शेयरों में 4% तक की गिरावट देखने को मिली।
शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 5 बड़े कारण रहे-
1. कमजोर ग्लोबल संकेत
एशियाई बाजारों में शुक्रवार को भारी गिरावट देखने को मिली। साउथ कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स सभी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स भी मामूली गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था।
अमेरिकी बाजार भी गुरुवार को कमजोरी के साथ बंद हुए। वहीं टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली। इसके अलावा, अमेरिकी सरकार के शटडाउन के लगातार जारी रहने से जुड़ी चिंताओं ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डाला।
2. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने गुरुवार को 3,263 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। यह लगातार सातवां दिन था जब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, “विदेशी निवेशक भारत में लगातार बिकवाली कर सस्ते बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। जब तक शॉर्ट कवरिंग या कोई बड़ा ट्रिगर नहीं आता, बाजार पर दबाव बना रह सकता है, हालांकि बाजार कई बार अप्रत्याशित रूप से पलटाव भी दिखा देते हैं।”
3. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 0.3% बढ़कर 63.57 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए। कच्चे तेल की ऊंची कीमतें भारत के लिए व्यापार घाटा और महंगाई बढ़ने का खतरा पैदा करती हैं।
4. मुनाफावसूली का दौर
हाल के हफ्तों में तेज रैली के बाद निवेशकों ने मुनाफा वसूलने के लिए शेयर बेचने शुरू कर दिए, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत ताप्से ने बताया,“मुनाफावसूली, विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली और अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती में संभावित देरी को लेकर चिंता ने निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर जो पॉजिटिव उम्मीदें थीं, वे भी अब दबाव में हैं।”
5. रुपये में कमजोरी
भारतीय रुपया गुरुवार को 3 पैसे गिरकर 88.66 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर की मजबूती, विदेशी फंड्स की निकासी, और घरेलू बाजार में बिकवाली ने रुपये पर दबाव बढ़ाया। फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि विदेशों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भी रुपये को कमजोर कर रही हैं।
टेक्निकल चार्ट से क्या मिल रहा संकेत?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, “बुलिश ट्रेंड के लिए निफ्टी का 25,630–25,650 जोन के ऊपर टिके रहना जरूरी था, लेकिन यह नहीं हो पाया। इससे अब नीचे की ओर 25,200 के 50-दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज और 25,088 के निचले बोलिंजर बैंड तक के स्तर खुल गए हैं। हालांकि, 25,400 का स्तर बुल्स के लिए वापसी का मौका दे सकता है।”
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