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MSCI India Index Rejig: स्टैंडर्ड इंडेक्स में अपग्रेड होंगे Fortis, Paytm, GE Vernova T&D; 3 शेयरों की लार्जकैप से स्मॉलकैप में शिफ्टिंग

MSCI India Index Rejig: स्टैंडर्ड इंडेक्स में अपग्रेड होंगे Fortis, Paytm, GE Vernova T&D; 3 शेयरों की लार्जकैप से स्मॉलकैप में शिफ्टिंग

Last Updated on November 6, 2025 10:54, AM by Pawan

MSCI अपने लेटेस्ट नवंबर 2025 अर्ध-वार्षिक रिव्यू के तहत इंडिया स्मॉलकैप इंडेक्स से 3 शेयरों को इंडिया स्टैंडर्ड इंडेक्स में अपग्रेड करने जा रहा है। साथ ही 3 शेयरों को इंडिया स्टैंडर्ड इंडेक्स से इंडिया स्मॉलकैप इंडेक्स में शिफ्ट कर रहा है। MSCI ने एक बयान में कहा कि MSCI इंडिया स्टैंडर्ड और स्मॉलकैप इंडेक्सेज में यह फेरबदल 24 नवंबर, 2025 को बाजार बंद होने के बाद प्रभावी होगा।

जिन 3 शेयरों को MSCI इंडिया स्मॉलकैप इंडेक्स से इंडिया स्टैंडर्ड इंडेक्स में अपग्रेड किया जा रहा है, वे फोर्टिस हेल्थकेयर, वन97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) और जीई वर्नोवा टीएंडडी इंडिया हैं। यह उनके बढ़ते मार्केट कैप और लिक्विडिटी को दर्शाता है। वहीं जिन 3 शेयरों को इंडिया स्टैंडर्ड इंडेक्स से इंडिया स्मॉलकैप इंडेक्स में डाला जा रहा है, वे टाटा एलेक्सी, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर) और एस्ट्रल लिमिटेड हैं।

लार्जकैप और स्मॉलकैप बास्केट में इन नए शेयरों की एंट्री

इसके अलावा MSCI ने नाइका की पेरेंट कंपनी FSN ई-कॉमर्स वेंचर्स, इंडियन बैंक और सीमेंस एनर्जी इंडिया को भी MSCI इंडिया स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल किया है। यानि कि इस कैटेगरी में कुल 6 शेयरों की एंट्री हुई है और 3 को हटाया गया है। स्मॉलकैप्स के रिव्यू के तहत MSCI ने इंडेक्स में 7 शेयर एड किए हैं, वहीं 33 को बाहर का रास्ता दिखाया है। स्मॉलकैप बास्केट की नई एंट्रीज में ब्लू जेट हेल्थकेयर, हनीवेल ऑटोमेशन, लीला पैलेसेज होटल्स, थर्मैक्स शामिल हैं।

MSCI ACWI इंडेक्स में 69 नए शेयर एड

वैश्विक स्तर पर MSCI के नवंबर 2025 के रिव्यू में MSCI ACWI इंडेक्स में 69 नए शेयर जोड़े गए और 64 नए शेयर हटाए गए। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका से लेकर चीन और इंडोनेशिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं तक के बाजार शामिल हैं। MSCI इंडेक्स में बदलावों पर वैश्विक निवेशक बारीकी से नजर रखते हैं। खासतौर पर वे पैसिव फंड्स, जो MSCI बेंचमार्क्स को फॉलो करते हैं। स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल किए जा रहे शेयरों में अक्सर फेरबदल की तारीख से पहले ऐसे फंड्स की ओर से अच्छी खरीदारी दिखती है। वहीं हटाए जा रहे शेयरों में शॉर्ट टर्म बिकवाली का दबाव दिख सकता है।

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