Last Updated on November 5, 2025 16:00, PM by Khushi Verma
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारत में एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है क्योंकि यह सुरक्षित होता है और निश्चित ब्याज दिलाता है। लेकिन वर्तमान आर्थिक माहौल और बदलती वित्तीय जरूरतों को देखते हुए, निवेशक अब FD के अलावा भी कई ऐसे विकल्प देख रहे हैं जो बेहतर रिटर्न, फ्लेक्सिबल और टैक्स लाभ देते हैं। 2025 में FD के अलावा निवेश के लिए कुछ नए और बेहतर विकल्प हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है।
सरकार द्वारा समर्थित बॉन्ड्स
सरकारी बॉन्ड जैसे कि गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (G-Secs) और ट्रेजरी बिल्स (T-Bills) निवेशकों को लगभग क्रेडिट रिस्क फ्री निवेश का मौका देते हैं। इन बॉन्ड की अवधि और ब्याज दर के अनुसार रिटर्न मिलता है, जो आमतौर पर 7-8% के बीच होता है। RBI की ‘रिटेल डायरेक्ट स्कीम’ के तहत निवेश करना आसान हो गया है, जिससे ये विकल्प खासतौर पर सस्ता और सुरक्षित माना जाता है।
कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश से FD की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलते हैं, जो लगभग 9-11% तक हो सकते हैं। हालांकि इसमें क्रेडिट और इंटरेस्ट रेट रिस्क रहता है, इसलिए कंपनियों की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करना जरूरी है। इसके अलावा, कॉर्पोरेट FD भी बेहतर ब्याज दर के साथ एक विकल्प हैं, लेकिन इनपर सरकारी बीमा नहीं होता, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए।
डेट म्यूचुअल फंड्स
डेट म्यूचुअल फंड्स ऐसी योजनाएं हैं जो आपके पैसे को सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में लगाती हैं। ये लिक्विडिटी में बेहतर होते हैं और निश्चित रिटर्न के साथ मध्यम जोखिम पेश करते हैं। निवेशक इनके जरिए अच्छी रिटर्न के साथ पैसा जल्दी निकाल भी सकते हैं।
रेलेट बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) के FD
NBFCs फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स पर बैंक FD से अधिक ब्याज दर (लगभग 8-10%) देती हैं। ये सुरक्षित होते हुए भी थोड़ा ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, इन FD पर सरकारी बीमा सीमित होता है, इसलिए निवेशकों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
सोवरेइन गोल्ड बॉन्ड्स
सोवरेइन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) RBI द्वारा जारी किए जाते हैं, जो सोने की कीमत पर आधारित होते हैं और सालाना 2.5% ब्याज दर देते हैं। इनका लॉक-इन पीरियड 8 साल का होता है और ये सोने में निवेश का एक सुरक्षित और टैक्स लाभकारी तरीका हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट से परे निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं जो बेहतर रिटर्न, लचीलापन और सुरक्षा प्रदान करते हैं। निवेशक अपनी जोखिम क्षमता, निवेश अवधि और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार इन विकल्पों में निवेश कर सकते हैं ताकि बेहतर धन संचय किया जा सके। विविधता और सही जानकारी के साथ ये विकल्प भविष्य में ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकते हैं।