Last Updated on November 4, 2025 11:43, AM by Khushi Verma
मुंबई5 मिनट पहले
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स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ग्रो की पेरेंट कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स का IPO आज यानी 4 नवंबर से ओपन हो गया है। रिटेल निवेशक इसमें 7 नवंबर तक बोली लगा सकेंगे।
कंपनी 6632.30 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसमें कंपनी 1,060 करोड़ रुपए के 10.6 करोड़ शेयर इश्यू करेगी। वहीं 5,572.30 करोड़ रुपए के 55.72 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल रहेंगे।

रिटेल इनवेस्टर्स मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? इस IPO के लिए रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 150 शेयर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹100 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो आपको ₹15,000 का इन्वेस्टमेंट करना होगा।
वहीं रिटेल इनवेस्टर्स IPO के मैक्सिमम 13 लॉट यानी 1,950 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। जिसके लिए इनवेस्टर्स को मैक्सिमम ₹1,95,000 का इन्वेस्टमेंट करना होगा।
कंपनी के इश्यू का 75% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी के इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
आईपीओ से मिलने वाले पैसे का क्या होगा?
कंपनी को मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल:
- क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ₹152.50 करोड़।
- ब्रांड बिल्डिंग और मार्केटिंग पर ₹225 करोड़।
- सब्सिडियरी GCS (NBFC) में कैपिटल बढ़ाने के लिए ₹205 करोड़।
- सब्सिडियरी GIT में MTF बिजनेस के लिए ₹167.50 करोड़।
- बाकी अधिग्रहण और जनरल यूज पर।
2017 में हुई थी कंपनी की शुरुआत ग्रो की शुरुआत 2017 में हुई थी। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो सीधे ग्राहकों को निवेश के मौके देता है। ग्रो ऐप आपको म्यूचुअल फंड, स्टॉक, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O), ETF, आईपीओ, डिजिटल गोल्ड और यहां तक कि अमेरिकी स्टॉक्स में निवेश करने की सुविधा देता है।
कंपनी न सिर्फ ब्रोकिंग सर्विस देती है, बल्कि मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (MTF), एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग, न्यू फंड ऑफर्स (NFO) और क्रेडिट सॉल्यूशंस जैसी एक्स्ट्रा सर्विस भी ऑफर करती है। जून 2025 तक कंपनी में 1,415 कर्मचारी काम कर रहे थे।

IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है