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Daily Voice: GST कटौती से महाबचत की खुशी पड़ सकती है फीकी, रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध से OMCs पर पड़ेगा दबाव

Daily Voice: GST कटौती से महाबचत की खुशी पड़ सकती है फीकी, रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध से OMCs पर पड़ेगा दबाव

Last Updated on November 1, 2025 11:47, AM by Khushi Verma

Daily Voice : सिस्टमैटिक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सीईओ धनंजय सिन्हा का मानना है कि बाजार के लिए सबसे बड़ा खतरा कई ऐसी उम्मीदें हैं जिनके पूरे न हो पाने की आशंका है। इसमें उपभोग मांग में बड़े सुधार की उम्मीद और यह उम्मीद भी शामिल है कि भारत के विकास पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव सीमित रहेगा। उनको लगता ​​है कि जीएसटी कटौती से बने अच्छे माहौल के बावजूद त्योहारी मांग उम्मीद से कम रह सकती है। मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में सिन्हा ने ग्लोबल ट्रेंड में सुस्ती के प्रभाव और अमेरिका के साथ चल रही ट्रेड वार्ता के परिणाम से जुड़ी अनिश्चितताओं की ओर भी इशारा किया।

यूएस फेड द्वारा दिसंबर 2025 में ब्याज दरों में कटौती की संभावना काफी

उन्होंने आगे कहा कि फेड के गाइडेंस से आक्रामक रुख के संकेत मिल रहे हैं,जिससे दिसंबर 2025 में ब्याज दरों में कटौती की संभावना काफी कम हो गई है। बुधवार को ब्याज दरों में की गई कटौती एक पूर्व-निवारक कदम प्रतीत होती है जिसे “रिस्क मैनेजमेंट” कहा गया है।

भारत और अमेरिका ट्रेड डील पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए धनंजय सिन्हा ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच हो रही बातचीत के नतीजों का अनुमान लगाना मुश्किल है। पिछले आठ महीनों में इस मोर्चे पर काफी उठापटक हुई है। पहले, हमें उम्मीद थी कि भारत पर अमेरिकी टैरिफ लगभग 20-25 प्रतिशत के आसपास रहेगा। लेकिन इसके बजाय यह बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। अमेरिका भारत पर रूस से तेल आयात बंद करने का दबाव बना रहा है। इसके अलावा, H1B वीज़ा शुल्क में बढ़त और आउटसोर्सिंग पर टैक्स लगाने वाले HIRE एक्ट के लागू होने की संभावना से यह साफ हो जाता है कि भारत की सर्विसेज इंडस्ट्री भी अमेरिका के निशाने पर हैं। इसके अलावा, भारत के बाजारों अमेरिकी कृषि उत्पादों की पहुंच से जुड़े कुछ जटिल मुद्दे भी हैं। कुल मिलाकर, इस समय इस पर कोई अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी।

दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद के मुताबिक

दूसरी तिमाही के नतीजों पर बात करते हुए धनंजय सिन्हा ने कहा कि अब तक आए नतीजे उम्मीद के मुताबिक ही रहे हैं। नतीजों के बाद ज़्यादातर कंपनियों के अर्निंग अनुमान में कटौती देखने को मिली है। बैंक, ऑटो और उपभोक्ता वस्तुओं की आय में नरमी देखने को मिली है। एनबीएफसी, सीमेंट और बिजली से जुड़ी कंपनियों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है।

निवेश के लिए इन सेक्टरों पर रहे नजर

धनंजय सिन्हा को निवेश के नजरिए से डेटा सेंटर,आईटीईएस, गैर-पारंपरिक ऊर्जा, बीईएसएस और ई-कॉमर्स/क्यू-कॉमर्स कंपनियां अच्छी लग रही है। उनका मानना है कि इन कंपनियों को ऑटोमेशन और एआई से फायदा होगा।

रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध से OMC कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे पर दबाव की उम्मीद

अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के लिए धन जुटाने पर अंकुश लगाने के नाम पर रूसी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट पीजेएससी और लुकोइल पीजेएससी पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। ग्लोबल ऑयल प्रोडक्शन में इन कंपनियों का बड़ा योगदान है। पिछले सप्ताह ब्रिटेन ने भी यही किया और यूरोपीय संघ ने रूसी एलएनजी आयात पर प्रतिबंध लगाने के अपने 19वें पैकेज को मंजूरी दे दी। इसके अलावा दो चीनी रिफाइनर (600,000 बीपीडी की संयुक्त क्षमता) और पेट्रो चाइना की चाइना ऑयल हांगकांग को भी प्रतिबंध सूची में जोड़ा गया है।

इसके चलते कच्चे तेल की कीमतें 5 फ़ीसदी बढ़ गईं हैं। डीजल क्रैक 22 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 26 डॉलर प्रति बैरल हो गए (पेट्रोल क्रैक 13 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर है), जिससे OMC कंपनियों का मार्केटिंग मार्जिन डीजल पर 4.3 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 1.7 रुपये प्रति लीटर घटकर 3.5 रुपये प्रति लीटर और 10.4 रुपये प्रति लीटर रह गया है। हालांकि GRMs में लगभग 2 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी हुई है। बताते चलें कि हर 1 रुपये प्रति लीटर मार्जिन में गिरावट आमतौर पर OMC के एबिट्डा को 10-14 प्रतिशत और PAT को 15-20 प्रतिशत तक घटा देती है।

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