Last Updated on October 22, 2025 11:46, AM by Khushi Verma
Stock Markets: भारतीय शेयर बाजार के लिए नया संवत 2082 शानदार रह सकता है। कार्नेलियन एसेट मैनेजमेंट एंड एडवाइजर्स के फाउंडर और सीआईओ विकास खेमानी का मानना है कि निफ्टी अगले संवत तक 29,000 से 30,000 अंकों के दायरे में पहुंच सकता है। उन्होंने यह बात मनीकंट्रोल के साथ एक खास बातचीत में कही। खेमानी का कहना है कि आने वाले महीनों में बाजार को सबसे बड़ी बढ़त विदेशी निवेश से मिल सकती है।
उन्होंने कहा, “अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर ब्याज दरों में कटौती होती है, तो उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी का आना तेज होगा और भारत इसका सबसे बड़ा लाभार्थी हो सकता है।”
IT सेक्टर में दिखेगी नई चमक
उनके अनुसार, “बड़ी IT कंपनियां अभी भी मजबूत मार्जिन बनाए हुए हैं और इनके वैल्यूएशन आकर्षक स्तर पर आ गए हैं। हाल मेंTCS, HCL Tech और LTI Mindtree के आए तिमाही नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं। पहले जहां अर्निंग ग्रोथ की कमी थी, वहां अब वह सुधार के संकेत दिख रही है।”
खेमानी का मानना है कि जब बिजनेस साइकिल अपने सबसे कमजोर चरण में होती है और निवेशकों का मनोबल गिरा होता है, वही समय लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए सबसे बेहतर मौका पैदा करता हैं।
नए संवत में 15% तक रिटर्न की संभावना
विकास खेमानी का कहना है कि नए संवत में शेयर बाजार से लगभग 15% तक का रिटर्न मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा, “हमने ब्याज दरों में कटौती, लिक्विडिटी सपोर्ट, टैक्स बेनिफिट्स और सरकारी खर्च में बढ़ोतरी का एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन देखा है। ये सभी ग्रोथ के लिए पॉजिटिव संकेत हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि महंगाई पर नियंत्रण, स्थिर ब्याज दरें, और वित्तीय अनुशासन जैसे कारक बाजार को स्थिर और मजबूत बनाए हुए हैं। उनका भरोसा है कि भारत की ग्रोथ स्टोरी अब भी बरकरार है और कॉरपोरेट अर्निंग्स में सुधार के साथ बाजार में और ऊपर जाने की गुंजाइश है।
कौन-से सेक्टर देंगे “फुलझड़ी” और कौन बनेंगे “रॉकेट”?
खेमानी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर सेक्टर्स की तुलना दिवाली के पटाखों से की जाए, तो, कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी और ऑटो सेक्टर में खूब “चमक (sparkle)” देखने को मिलेगी। बैंकिंग (प्राइवेट और पब्लिक दोनों), फार्मा और CDMO सेक्टर में भी अच्छी तेजी की उम्मीद है। जबकि कुछ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, जिन्हें अभी अमेरिकी टैरिफ प्रतिबंधों का असर झेलना पड़ा, वे अमेरिका से व्यापारिक समझौता होने के बाद “रॉकेट” की तरह उड़ सकते हैं
