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Calcutta Stock Exchange: 20 अक्टूबर को अपनी आखिरी दिवाली मनाएगा कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज, 117 साल पहले हुई थी शुरुआत

Calcutta Stock Exchange: 20 अक्टूबर को अपनी आखिरी दिवाली मनाएगा कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज, 117 साल पहले हुई थी शुरुआत

Last Updated on October 19, 2025 14:57, PM by Khushi Verma

CSE exit from stock exchange business: कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज की यह आखिरी दिवाली हो सकती है। इस स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 117 साल पहले हुई थी।

बंद होने की कगार पर कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज
 
नई दिल्ली: देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज (CSE) इस साल 20 अक्टूबर को अपनी आखिरी काली पूजा और दिवाली मना सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक कार्यशील एक्सचेंज के रूप में बंद होने की कगार पर है। लंबे कानूनी और नियामक संघर्ष के बाद एक्सचेंज स्टॉक एक्सचेंज के कारोबार से स्वेच्छा से बाहर निकलने की प्रक्रिया को पूरा करने के करीब है।इसकी शुरुआत 117 साल पहले 1908 में हुई थी। यह कभी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रतिद्वंद्वी था और कोलकाता के वित्तीय परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। लेकिन साल 2001 के केतन पारेख घोटाले के बाद एक्सचेंज को एक बड़ा झटका लगा। इस घोटाले के कारण भुगतान संकट पैदा हो गया था, जब कई ब्रोकर अपनी देनदारियों को पूरा नहीं कर पाए थे। इसने निवेशकों के भरोसे को हिला दिया और धीरे-धीरे एक्सचेंज को पतन की ओर धकेल दिया।

सेबी ने सस्पेंड कर दी थी ट्रेडिंग

अप्रैल 2013 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नियामक मुद्दों के कारण कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग निलंबित कर दी थी। तब से एक्सचेंज ने वर्षों तक संचालन फिर से शुरू करने की कोशिश की और अदालतों में सेबी के फैसलों को चुनौती दी। हालांकि, कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज के बोर्ड ने अंततः स्टॉक एक्सचेंज के कारोबार से हटने का फैसला किया।

सेबी की हरी झंडी की इंतजार

कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज यानी सीएसई के अध्यक्ष और जनहित निदेशक दीपांकर बोस के अनुसार, शेयरधारकों ने 25 अप्रैल, 2025 को एक असाधारण आम बैठक (EGM) के दौरान निकास योजना को मंजूरी दी थी। इसके बाद एक्सचेंज ने इस साल 18 फरवरी को सेबी को अपनी औपचारिक निकास अर्जी सौंपी। सेबी ने अंतिम समीक्षा करने के लिए राजवंशी एंड एसोसिएट को मूल्यांकन एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है, इससे पहले कि वह अपनी मंजूरी दे। जैसे ही सेबी अंतिम हरी झंडी देगा, सीएसई एक स्टॉक एक्सचेंज के रूप में काम करना बंद कर देगा।

कंपनी जारी रखेगी संचालन

हालांकि इसकी पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, सीएसई कैपिटल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड (CCMPLC) एक ब्रोकर के रूप में अपना संचालन जारी रखेगी और NSE और BSE दोनों की सदस्य बनी रहेगी। मूल कंपनी तब एक होल्डिंग कंपनी बन जाएगी।

अपने निकास प्रक्रिया के हिस्से के रूप में सीएसई ने ईएम बाईपास पर अपनी तीन एकड़ जमीन सृजन ग्रुप को 253 करोड़ रुपये में बेचने के लिए सेबी की मंजूरी भी प्राप्त कर ली है। सेबी द्वारा निकास की मंजूरी दिए जाने के बाद बिक्री पूरी की जाएगी

कर्मचारियों को वीआरएस

बंद की तैयारी के तौर पर सीएसई ने अप के एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) शुरू की, जिसमें 20.95 करोड़ रुपये का एकमुश्त भुगतान की पेशकश की गई। सभी कर्मचारियों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और कुछ को अनुपालन कार्य के लिए अनुबंध पर रखा गया है। इस कदम से कंपनी को सालाना लगभग 10 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।

कभी 1700 से ज्यादा कंपनियां थीं लिस्ट

एक समय में एक्सचेंज में 1749 सूचीबद्ध कंपनियां और 650 पंजीकृत ट्रेडिंग सदस्य थे। वित्त वर्ष 2025 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में अध्यक्ष बोस ने लिखा कि सीएसई ने भारत के पूंजी बाजारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्हें वित्तीय वर्ष के दौरान बैठक शुल्क के रूप में 5.9 लाख रुपये मिले।

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