Last Updated on October 19, 2025 14:57, PM by Khushi Verma
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मुंबई9 मिनट पहले
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भारतीय शेयर बाजार से तीन महीने तक लगातार पैसा निकालने के बाद फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी FPI अब खरीदार बन गए हैं। अक्टूबर में अभी तक FPI ने 6,480 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की मजबूत इकोनॉमी और ग्लोबल मार्केट में पॉजिटिव बदलाव की वजह से FPI ने खरीदारी शुरू की है। पिछले तीन महीनों में FPI ने भारतीय बाजार से जमकर पैसा निकाला था।
FPI ने बीते 3 महीने में ₹76,575 करोड़ निकाले थे
FPI ने सितंबर में 23,885 करोड़, अगस्त में 34,990 करोड़ और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे थे। यानी बीते तीन महीने में FPI ने टोटल 76,575 करोड़ रुपए निकाले थे। लेकिन अब सेंटीमेंट पलट गया है। डिपॉजिटरी के डेटा से ये साफ है कि ग्लोबल निवेशक फिर भारत पर भरोसा करने लगे हैं।
भारत इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे मजबूत दिख रहा
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च के प्रिंसिपल हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि भारत इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे मजबूत दिख रहा है। यहां ग्रोथ स्थिर है, महंगाई कंट्रोल में है और घरेलू डिमांड भी टिकी हुई है। वो आगे बताते हैं कि अमेरिका में ब्याज दरें घटने की उम्मीद से ग्लोबल लिक्विडिटी बढ़ रही है।
रिस्क लेने का मन लौट रहा है, तो हाई रिटर्न वाले देशों जैसे भारत में पैसा निवेश किया जा रहा है। साथ ही, शेयरों के दाम गिरने से अब वैल्यूएशन अट्रैक्टिव हो गई है। यानी डिप पर खरीदने का मौका है।
अमेरिका-भारत के ट्रेड टेंशन कम होने से भी इनफ्लो आया
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का भी कहना है कि भारत का पिछले एक साल का परफॉर्मेंस कमजोर रहा, जिससे दूसरे बाजारों से वैल्यूएशन का फर्क कम हो गया। अब रिलेटिव परफॉर्मेंस बेहतर होने की संभावना है।
एंजेल वन के सीनियर एनालिस्ट वकार जावेद खान ने कहा कि अमेरिका-भारत के ट्रेड टेंशन कम होने से भी ये इनफ्लो आया है। 2025 की शुरुआत में बिकवाली से भारतीय शेयर्स अपने ग्लोबल पीयर्स से सस्ते हो गए हैं।
2025 में अभी तक FPI ने कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए निकाले
एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले हफ्तों में ट्रेड डील्स और कंपनियों की कमाई सीजन फ्लो को तय करेंगे। हालांकि, 2025 में अभी तक FPI ने कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं, लेकिन ये इनफ्लो उम्मीद जगाता है।
FPI की डेट मार्केट में भी रुचि बरकरार
अक्टूबर में (17 अक्टूबर तक) FPI ने बॉन्ड्स में 5,332 करोड़ रुपए जनरल लिमिट से और 214 करोड़ वॉलंटरी रिटेंशन रूट से लगाए। मतलब, कर्ज बाजार में भी उनका इंटरेस्ट जारी है। कुल मिलाकर, ये शिफ्ट भारतीय बाजार के लिए अच्छा संकेत है।
