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जोमैटो की कमाई 3 गुना बढ़ी, फिर भी मुनाफा घटा: दूसरी तिमाही में 63% कम होकर ₹65 करोड़ रहा; शेयर 4% गिरा

जोमैटो की कमाई 3 गुना बढ़ी, फिर भी मुनाफा घटा:  दूसरी तिमाही में 63% कम होकर ₹65 करोड़ रहा; शेयर 4% गिरा

Last Updated on October 16, 2025 20:52, PM by Pawan

 

दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने मिलकर साल 2008 में फूडीबे नाम से अपनी फूड डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की थी।

ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो (इटरनल लिमिटेड) को वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2FY26) में 65 करोड़ रुपए का मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। यह पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 63% कम है। Q2FY25 में कंपनी को ₹176 करोड़ का प्रॉफिट हुआ था।

 

जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी ने 13,590 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया, जो पिछले साल के समान तिमाही के 4,799 करोड़ रुपए से 184% (करीब तीन गुना) ज्यादा है। वस्तुओं और सेवाओं के बेचने से मिलने वाली राशि रेवेन्यू होता है।

कंसॉलिडेटेड ​​​​​​मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन

कंपनियों के रिजल्ट दो भाग में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।

यहां, जोमैटो की ब्लिंकिट समेत 21 सब्सिडियरी और 1 ट्रस्ट है। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कंसॉलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, ब्लिंकिट के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।

कंसॉलिडेटेड ​​​​​​मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन

कंपनियों के रिजल्ट दो भाग में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।

यहां, जोमैटो की ब्लिंकिट समेत 21 सब्सिडियरी और 1 ट्रस्ट है। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कॉन्सोलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, ब्लिंकिट के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।

जोमैटो ने 20 मार्च 2025 को अपना नाम बदलकर इटरनल लिमिटेड किया था। स्टॉक एक्सचेंज (BSE-NSE) पर नए नाम 'इटरनल' के साथ ऑफिशियल लिस्टिंग 9 अप्रैल 2025 को हुई थी।

जोमैटो ने 20 मार्च 2025 को अपना नाम बदलकर इटरनल लिमिटेड किया था। स्टॉक एक्सचेंज (BSE-NSE) पर नए नाम ‘इटरनल’ के साथ ऑफिशियल लिस्टिंग 9 अप्रैल 2025 को हुई थी।

दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे

  • दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने मिलकर साल 2008 में फूडीबे नाम से अपनी फूड डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की थी। केवल नौ महीनों में, FoodieBay दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ी रेस्टोरेंट डायरेक्टरी बन गई।
  • दो साल के बाद 2010 में, कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया। दिल्ली-एनसीआर में अपनी सफलता के तुरंत बाद कंपनी ने पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में ब्रांच फैलानी शुरू कर दी।
  • 2012 तक जोमैटो ने श्रीलंका, यूएई, कतर, दक्षिण अफ्रीका, यूके और फिलीपींस में अपनी सर्विसेज बढ़ाकर विदेशों में विस्तार करना शुरू कर दिया था। 2013 में न्यूजीलैंड, तुर्की और ब्राजील को इस लिस्ट में जोड़ा गया।
  • जोमैटो देश का पहला फूड-टेक यूनिकॉर्न है। 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। जोमैटो ने पहली बार फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में 2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।
  • जोमैटो एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो ग्राहकों, रेस्टोरेंट पार्टनर्स और डिलीवरी पार्टनर्स को जोड़ता है। फूड डिलीवरी के अलावा ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अगस्त 2022 में ब्लिंकिट खरीदा था।

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