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FIIs Buying: शेयर बाजार में लौटे विदेशी निवेशक, 7 दिनों में की ₹3,000 करोड़ की खरीदारी

FIIs Buying: शेयर बाजार में लौटे विदेशी निवेशक, 7 दिनों में की ₹3,000 करोड़ की खरीदारी

Last Updated on October 16, 2025 11:51, AM by Khushi Verma

FIIs Buying: लगातार कई महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) आखिरकार भारतीय शेयर बाजारों में वापसी करते दिख रहे हैं। यह भारतीय शेयरों को लेकर उनके सेंटीमेंट में बदलाव का संकेत हो सकता है। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सात दिन (7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर) में पांच दिन विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से खरीदारी की है।

इस दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। इसके अलावा उन्होंने आईपीओ मार्केट में भी इसी दौरान 7,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया। NSE के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर को भी एफआईआई ने करीब 162 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खरीदारी की।

विदेशी निवेशकों की इस नई दिलचस्पी के साथ ही शेयर बाजारों में भी तेजी लौट आई है। अक्टूबर की शुरुआत से अब तक सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 3% की तेजी देखी जा चुकी है। वहीं बीएसई मिडकैप इंडेक्स 3.4% और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.7% ऊपर चढ़े हैं।

पहले हुई थी भारी निकासी

यह खरीदारी इस साल की शुरुआत में देखी गई बिकवाली के ठीक उलट है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजारों से 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की थी। जबकि इस दौरान सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने शेयर बाजार को सपोर्ट देने वाले कई कदम उठाए थे। इनमें जीएसटी दरों में कटौती, जून में रेपो रेट में बड़ी कटौती और S&P की ओर से भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार जैसे कदम शामिल है।

हालांकि इसके बावजूद भारतीय शेयर बाजारों ने इस बाकी इमर्जिंग देशों के बाजारों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया। सेंसेक्स और निफ्टी इस दौरान केवल 3% चढ़े, जबकि मिडकैप 3% और स्मॉलकैप 4% नीचे फिसल गए।

 

एक्सपर्ट्स की राय

डीआर चोकसी फिनसर्व के देवेन चोकसी ने कहा, “विदेशी निवेशक पहले ही भारी बिकवाली कर चुके हैं। सेकेंडरी मार्केट में हालिया खरीदारी यह दिखाती है कि कंपनियों की अर्निंग्स में सुधार और आर्थिक संकेतक बेहतर हो रहे हैं। अब वैल्यूएशन भी आकर्षक दिख रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही मजबूत रहने की संभावना है क्योंकि निफ्टी अब लगभग 20 गुना अर्निंग्स पर ट्रेड कर रहा है, जो इसके ऊंचे स्तरों से काफी नीचे है।

ग्लोबल फैक्टर्स का भी असर

शेयर बाजार की हालिया तेजी को भारतअमेरिका ट्रेड डील को लेकर बढ़ती उम्मीदों और अमेरिकाचीन तनाव से भी सहारा मिला है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यूएस फेडरल रिजर्व इस महीने के अंत में ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इससे इमर्जिंग मार्केट्स और कमोडिटीज में लिक्विडिटी बढ़ सकती है। इससे भारत को और फायदा मिलेगा।

एसबीआई सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल ने कहा, “निवेशक अगले 3060 दिनों में भारतअमेरिका व्यापार समझौते के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं। अगर यह होता है, तो बाजार से एक बड़ा ओवरहैंग हट जाएगा।”

सावधानी की सलाह

हालांकि, कुछ एनालिस्ट्स अभी भी सतर्क रहने की सलाह दे रहा हैं। उनका कहना है कि पहले भी ऐसे कई मौके देखे गए हैं जब विदेशी निवेशकों की शॉर्ट-टर्म खरीदारी के बाद दोबारा बिकवाली देखी गई थी।

सेंट्रिसिटी वेल्थटेक के विनायक मागोत्रा ने कहा, “वैल्यूएशन अब अन्य उभरते बाजारों की तुलना में ज्यादा कॉम्पिटिटीव हो गए हैं। सरकारी प्रोत्साहन और अच्छे तिमाही नतीजों से FIIs की दिलचस्पी बढ़ी है। लेकिन डेरिवेटिव्स में भारी शॉर्ट पोजिशन और ताजा सेलिंग के संकेत बताते हैं कि सावधानी बरतना जरूरी है।”

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