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Tata Capital Shares: टाटा कैपिटल में आ सकती है 9% तक तेजी, JM फाइनेंशियल ने शेयर को दी ‘Add’ रेटिंग

Tata Capital Shares: टाटा कैपिटल में आ सकती है 9% तक तेजी, JM फाइनेंशियल ने शेयर को दी ‘Add’ रेटिंग

Last Updated on October 13, 2025 20:11, PM by Pawan

Tata Capital Shares: टाटा कैपिटल के शेयरों ने सोमवार 13 अक्टूबर को शेयर बाजार में एंट्री की। कंपनी के शेयर 330 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुए, जो इसके IPO प्राइस से 1.2% प्रीमियम पर था। लिस्टिंग के तुरंत बाद, ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशयिल (JM Financial) ने इस शेयर को ‘Add’ रेटिंग के साथ कवर करना शुरू किया है और इसके लिए 360 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है।

इस टारगेट प्राइस के आधार पर, टाटा कैपिटल के शेयरों में 330 रुपये के मौजूदा बाजार भाव से करीब 9% तक की संभावित तेजी देखने को मिल सकती है। JM फाइनेंशियल ने कहा कि टाटा कैपिटल भारत की जानी-मानी और डायवर्सिफाइड नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) है, जिसे टाटा समूह का मजबूत समर्थन प्राप्त है। कंपनी मुख्य रूप से सिक्योर्ड लोन के सेगमेंट में काम करती है।

JM फाइनेंशियल की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

कंपनी के पास AAA/Stable की सबसे ऊंची क्रेडिट रेटिंग है, जिससे इसे कम ब्याज दरों पर फंडिंग आसानी से मिल जाती है। हालांकि, सिक्योर्ड लोन की अधिक हिस्सेदारी और बैंकों से कड़े कॉम्पिटीशन के चलते इसका नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) लगभग 5 से 5.5% के बीच रहता है।

JM फाइनेंशियल ने अनुमान लगाया है कि FY25 से FY27 के बीच कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) लगभग 20% CAGR की दर से बढ़ेगा। वहीं, खर्चों में स्थिरता और FY26 के बाद क्रेडिट कॉस्ट में गिरावट से PAT (शुद्ध लाभ) में 34% CAGR की वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे कंपनी का औसत RoA (रिटर्न ऑन एसेट्स) लगभग 1.9% और RoE (रिटर्न ऑन इक्विटी) लगभग 13.2% रह सकता है।

ब्रोकरेज ने कहा “AUM ग्रोथ और RoE प्रोफाइल के आधार पर, टाटा कैपिटल को चोलामंडल इनवेस्टमेंट्स और HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के बीच ट्रेड करना चाहिए। इन दोनों कंपनियों का वैल्यूएशन FY27E P/BV पर क्रमशः 3.7x और 2.5x है। हमने टाटा कैपिटल को 2.9x FY27E BVPS का टारगेट मल्टीपल दिया है, जो HDB और चोलामंडल इनवेस्टमेंट्स की तुलना में लगभग 10–12% प्रीमियम/डिस्काउंट दिखाता है।”

संभावित जोखिम 

JM फाइनेंशियल ने अपनी रिपोर्ट में कुछ जोखिमों की ओर भी संकेत किया है। इनमें आर्थिक सुस्ती से AUM ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। NIM विस्तार में देरी हो सकती है। क्रेडिट कॉस्ट बढ़ने की संभावना बनी रहती है। रेगुलेटरी बदलाव कंपनी के मुनाफे को प्रभावित कर सकते हैं।

डिस्क्लेमरः  एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

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