Last Updated on September 27, 2025 17:50, PM by Pawan
भारतीय शेयर बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। बीते छह सत्रों (19 सितंबर से 26 सितंबर) की गिरावट में निवेशकों को लगभग 16.03 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। इस गिरावट की वजह अमेरिका की ओर से ब्रांडेड दवाओं पर टैरिफ लगाने की घोषणा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता जैसे फैक्टर हैं। इसके बावजूद दिग्गजों को भारतीय बाजारों पूरा भरोसा है। जाने-माने इन्वेस्टर मार्क मोबियस और एनएसई के सीईओ आशीष चौहान ने भारतीय शेयर बाजारों की तेज वापसी पर दांव लगाया है।
ये सेक्टर देंगे ग्रोथ को रफ्तार
मोबियस के अनुसार, बैंकिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रक्षा क्षेत्र निकट भविष्य में ग्रोथ को बढ़ावा देंगे, जबकि चौहान ने लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए भारत की अनूठी स्थिति पर जोर दिया। हालांकि, उन्होंने सट्टेबाजी के व्यवहार के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी भी दी।
मोबियस ने एनडीटीवी प्रॉफिट को दिए इंटरव्यू में हाल में कहा कि भारत हमेशा उनके उभरते बाजारों की सूची में शीर्ष पर रहेगा। उन्होंने बताया कि सेंसेक्स ने 2025 में अब तक 4.1% का रिटर्न दिया है। जबकि एमएससीआई एशिया पैसिफिक इंडेक्स 22% और एमएससीआई वर्ल्ड 15% बढ़ा है। मोबियस के अनुसार, भारतीय बेंचमार्क में ग्रोथ का नेतृत्व बैंकिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र करेंगे। इसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां शामिल होंगी। वह ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर से जुड़ी घरेलू हार्डवेयर कंपनियों को लेकर भी आशावादी हैं। मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि भारत के एक प्रमुख रक्षा निर्यातक बनने के प्रयासों से जल्द ही परिणाम मिलेंगे। उनका कहना है कि यह क्षेत्र निवेशकों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाएगा।
मार्क मोबियस ने यह भी कहा कि भारत को अडानी समूह जैसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग मामले में सेबी से क्लीन चिट मिलने के बाद समूह की रिकवरी जारी रहेगी। बाजार नियामक की ओर से समूह और उसके अरबपति संस्थापक गौतम अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करने के बाद अडानी समूह के शेयरों ने सिर्फ दो सत्रों में लगभग 20 अरब डॉलर का बाजार मूल्य जोड़ा। उन्होंने कहा कि भारत लगातार मजबूत होता जाएगा।
मोबियस कैपिटल पार्टनर्स एलएलपी के संस्थापक ने कहा कि जिन निवेशकों ने ठीक से रिसर्च किया होगा, वे जानते होंगे कि हिंडनबर्ग के सभी आरोप निराधार थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ज्यादा पारदर्शिता ला रहा है। वह संस्थागत ढांचे को मजबूत करने में जुटा है।
नए युग में प्रवेश कर रहा है भारतीय बाजार
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एमडी और सीईओ आशीष चौहान ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि भारत के बाजार आत्मनिर्भर नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। यह रिकॉर्ड 12 करोड़ निवेशकों, बढ़ती घरेलू बचत और युवा, तकनीक-प्रेमी आबादी से संचालित है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और विदेशी निवेश प्रवाह में बदलाव के बावजूद देश की ग्रोथ स्टोरी संरचनात्मक रूप से मजबूत बनी हुई है। यह विश्वास और घरेलू भागीदारी पर आधारित है। चौहान के अनुसार, यह कॉम्बिनेशन भारत को लॉग्नटर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए विशेष रूप से स्थान देता है। फिर भले ही सट्टेबाजी के व्यवहार के लिए सावधानीपूर्वक निगरानी की आवश्यकता हो।
चौहान ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था बदल रही है। विदेशी पैसा अब स्थानीय बाजारों में प्रमुख शक्ति नहीं है। भारत ने मजबूती से अपनी जगह बना ली है। भारत अपनी जीडीपी का लगभग 30% बचाता है, जो सालाना लगभग 1.2 ट्रिलियन डॉलर है। देश के पास अब अपने विकास को फाइनेंस करने के लिए पूंजी है। म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड और घरेलू बचत अस्थिरता को कम कर रहे हैं। खुदरा भागीदारी पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है। यह 2014 में सिर्फ 1.67 करोड़ निवेशकों से बढ़कर आज 12 करोड़ से ज्यादा निवेशकों की हो गई है।
