Last Updated on September 25, 2025 9:57, AM by Khushi Verma
Editor’s Take: भारतीय शेयर बाजार पर लगातार कमजोरी का दबाव साफ दिख रहा है. निफ्टी लगातार चौथे दिन गिरकर 9 दिनों के निचले स्तर 25,027 पर बंद हुआ. यही नहीं, निफ्टी लगातार 5वें दिन अपने ओपनिंग लेवल के नीचे बंद हुआ, जो कमजोरी का पक्का संकेत है. बैंक निफ्टी की भी स्थिति अलग नहीं रही. इंडेक्स ने 6 दिनों का निचला स्तर 55,040 छुआ और लगातार चौथे दिन lower low, lower high पैटर्न बनाया.
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स पर भी गिरावट का दबाव बना हुआ है. मिडकैप दो हफ्ते और स्मॉलकैप इंडेक्स एक हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंचे. लगातार तीसरे दिन इन दोनों इंडेक्स में गिरावट और lower low, lower high पैटर्न दर्ज हुआ, जो साफ तौर पर कमजोरी की तरफ इशारा करता है.
Reliance, HDFC Bank और ICICI Bank में कमजोरी
Reliance: शेयर लगातार 4 दिनों से दबाव में है और 5वें दिन भी ओपनिंग लेवल के नीचे बंद हुआ. कंपनी को पिछले तीन दिनों से 100 EMA (1395) पार करने में दिक्कत आ रही है.
HDFC Bank: इंट्राडे में 15 दिनों का निचला स्तर 943 तक गया और 14 दिनों बाद 100 EMA 966 के नीचे का ब्रेकडाउन कन्फर्म हो गया.
ICICI Bank: इंट्राडे में 5 महीनों का निचला स्तर 1376 पर आया.
इन दिग्गज बैंकों और Reliance की कमजोरी से बाजार पर दबाव और गहराता जा रहा है.
FIIs और DIIs का Big Data
विदेशी निवेशकों (FIIs) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) का ट्रेंड भी दिलचस्प है.
FIIs की इंडेक्स फ्यूचर्स लॉन्ग पोजीशन 14.5% पर है, जो 28 जुलाई के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है.
हालांकि, FIIs का स्टॉक फ्यूचर्स में ट्रेंड साफ नहीं है. 5 सितंबर से अब तक एक दिन खरीदारी, एक दिन बिकवाली का पैटर्न चल रहा है.
कल FIIs ने कुल मिलाकर (कैश, स्टॉक और इंडेक्स फ्यूचर्स) 3500 करोड़ रुपए की नेट बिकवाली की.
इसके उलट, DIIs लगातार 22वें दिन खरीदार बने रहे और करीब 1200 करोड़ रुपए की खरीदारी की.
ग्लोबल बिग डेटा: कच्चा तेल, रुपया और कमोडिटीज
वैश्विक मोर्चे पर भी कई अहम डेटा पॉइंट्स सामने आए हैं. कच्चा तेल तीन हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया है और $69 के ऊपर कारोबार कर रहा है. रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर 88.81 के पास है. गोल्ड (₹1,14,179) और चांदी (₹1,35,700) में रिकॉर्ड हाई के बाद हल्की मुनाफावसूली देखने को मिली. कॉपर मई 2024 के बाद 15 महीनों की ऊंचाई पर है.
गोल्ड और कॉपर में तेजी क्यों?
गोल्ड और कॉपर में आगे बड़ी तेजी की संभावना है. इसकी बड़ी वजह है इंडोनेशिया में ग्रासबर्ग माइंस का बंद होना. यह खदान दुनियाभर के करीब 1.5-2% सोना और कॉपर का प्रोडक्शन करती है. अगले दो साल तक यहां प्रोडक्शन दोबारा शुरू होने की संभावना बेहद कम है. ऐसे में सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा रहने से सोना और कॉपर की कीमतों में और उछाल आ सकता है.
बाजार फिलहाल कमजोरी के दौर से गुजर रहा है. निफ्टी और बैंक निफ्टी के चार्ट साफ तौर पर नीचे की तरफ इशारा कर रहे हैं. बड़े बैंकों और Reliance की कमजोरी से भी इंडेक्स दबाव में है. हालांकि, FIIs की इंडेक्स फ्यूचर्स में बढ़ती लंबी पोजीशन और DIIs की लगातार खरीदारी कुछ राहत के संकेत जरूर दे रही है. ग्लोबल स्तर पर कच्चा तेल, सोना और कॉपर की चाल निवेशकों की नजर में रहनी चाहिए.
