Last Updated on September 19, 2025 11:50, AM by Khushi Verma
Vodafone Idea Shares: कर्ज के बोझ में डूबी हुई टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट की मांग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिस पर आज सुनवाई होनी है। इस सुनवाई से पहले वोडा आइडिया के शेयरों पर निवेशक टूट पड़े और यह 2% से अधिक उछल पड़ा। टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने वोडा आइडिया से अतिरिक्त एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू (AGR) की मांग की है और इसी के खिलाफ कंपनी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सुनवाई से पहले आज शेयर उछल पड़े। फिलहाल बीएसई पर यह 0.51% के उछाल के साथ ₹7.89 पर है। इंट्रा-डे में यह 2.17% चढ़कर ₹8.02 पर पहुंच गया था।
Voda Idea की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते दी थी तारीख
वोडा आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने उससे ₹9450 करोड़ के अतिरिक्त एजीआर बकाए की मांग की है। इसे लेकर ही वोडा आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसे लेकर पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने वोडाफोन आइडिया की एजीआर याचिका पर सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख तय की थी।
क्या कहना है दोनों पक्षों का?
रिपोर्ट्स के मुताबिक टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने अपना पक्ष रखने के लिए एक एफिडेबिट पेश किया है। इसमें डिपार्टमेंट का कहना है कि यह कोई फिर से किया गया एसेसमेंट नहीं है बल्कि पिछली बार कैलकुलेशन में जो चीजें छूट गई थीं, वह हैं। टेलीकॉम डिपार्टमेंट का मानना है कि देनदारियां फाइनेंशियल अकाउंट्स पूरा होने का बाद आई हैं और सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के दायरे से बाहर है। ₹9,450 करोड़ के बकाए में से ₹2,774 करोड़ FY18-19 के वे बकाया हैं जो अगस्त 2018 में विलय के बाद वोडाफोन आइडिया और आइडिया ग्रुप को मिलाकर बनी कंपनी के हैं। वहीं ₹5,675 करोड़ मर्जर के पहले वोडाफोन ग्रुप से संबंधित हैं।
वोडाफोन आइडिया ने इस कैलकुलेशन को चुनौती दी है। टेलीकॉम कंपनी का दावा है कि कुछ अमाउंट ऐसे हैं, जो दोबारा हैं। ऐसे में वोडा आइडिया ने वित्त वर्ष 2017 से पहले के वर्षों के डेटा के फिर से नए सिरे से रीकॉन्सिलेशन की मांग की है।
वोडा आइडिया की दिक्कतों पर पर सरकार का क्या कहना है?
सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर कम्युनिकेशंस चंद्रशेखर पेम्मासनी पहले ही कह चुके हैं केंद्र सरकार वित्तीय दबावों से जूझ रही वोडा आइडिया को कोई अतिरिक्त राहत नहीं देगी। उन्होंने वर्ष 2021 के राहत पैकेज का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जो कुछ भी करना चाहती थी, वह पहले ही हो चुका है। अब कंपनी अपने मैनेजनेंट पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि कि अब कंपनी यह जानती है कि कैसे सब कुछ मैनेज करना है और और इसे आगे बढ़ाना उन पर निर्भर है। वर्ष 2021 के राहत पैकेज के तहत ₹53,000 करोड़ के बकाये को इक्विटी में बदला गया था, जिससे केंद्र सरकार को कंपनी की 49% इक्विटी हिस्सेदारी मिली थी। 2 जुलाई को टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सीएनबीसी-टीवी18 से कहा था कि केंद्र की वोडाफोन आइडिया को सरकारी कंपनी में बदलने की कोई योजना नहीं है।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
वोडा आइडिया के शेयर पिछले साल 19 सितंबर 2024 को ₹13.02 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। इस हाई से यह 11 महीने में 53% फिसलकर 14 अगस्त 2025 को ₹6.12 पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है।