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PhysicsWallah IPO: दमदार है अलख पांडेय की फिजिक्सवाला? आईपीओ में पैसे लगाने पर कितना है रिस्क?

PhysicsWallah IPO: दमदार है अलख पांडेय की फिजिक्सवाला? आईपीओ में पैसे लगाने पर कितना है रिस्क?

Last Updated on September 8, 2025 16:30, PM by Khushi Verma

PhysicsWallah IPO: यूट्यूब कोचिंग वीडियोज से एडुकेशन एंपायर खड़ा करने वाले एडुटेक यूनिकॉर्न फिजिक्सवाला की घरेलू स्टॉक मार्केट में एंट्री की तैयारी चल रही है। ₹3820 करोड़ के आईपीओ के लिए कंपनी ने बाजार नियामक SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के पास 7 फरवरी को ड्राफ्ट फाइल कर दिया। इस आईपीओ के तहत ₹3100 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा कंपनी के फाउंडर्स भी ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए ₹720 करोड़ के शेयरों की बिक्री करेंगे। आईपीओ के पैसों से कंपनी की योजना ऑफलाइन सेंटर्स के विस्तार के साथ-साथ सब्सिडरीज Xylem और Utkarsh Classes में निवेश और टेक्नोलॉजी मजबूत करने और मार्केटिंग पर खर्च करने की है।

PhysicsWallah IPO: कौन बेच रहा कितना शेयर?

फिजिक्सवाला आईपीओ के तहत नए शेयरों के अलावा प्रमोटर्स भी ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए शेयर बेचेंगे। कंपनी के प्रमोटर्स अलख पांडेय ₹360 करोड़ और प्रतीक बूब ₹360 करोड़ के शेयर बेचेंगे। फिजिक्सवाला में अभी प्रमोटर्स की 82.3% हिस्सेदारी है। अलख पांडेय की हिस्सेदारी 40.35% और प्रतीत बूब की हिस्सेदारी भी 40.35% है। कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग 17.7% की है। इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की बात करें तो सबसे अधिक होल्डिंग वेस्टब्रिज कैपिटल की है जिसकी हिस्सेदारी 6.41% है। इसके अलावा इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स में हॉर्नबिल कैपिटल पार्टनर की कंपनी में हिस्सेदारी 4.42%, अमेरिका की जीएसवी वेंचर्स फंड III की 2.85%, लाइटस्पीड अपॉर्च्यूनिटी फंड की 1.79% और सेतु एआईएफ ट्रस्ट की 1.39% है।

 

PhysicsWallah IPO: कहां कितना होगा खर्च?

फिजिक्सवाला आईपीओ के ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए बिकने वाले शेयरों का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जुटाए गए पैसों में से ₹460.6 करोड़ नए ऑफलाइन और हाइब्रिड सेंटर्स के फिट-आउट्स पर खर्च होंगे। इसके अलावा ₹548.3 करोड़ मौजूदा सेंटर्स के लीज पेमेंट, ₹47.2 करोड़ सहायक कंपनी Xylem Learning के खर्चों पर, ₹33.7 करोड़ उत्कर्ष क्लासेज एंड एडुटेक में निवेश और ₹26.5 करोड़ उत्कर्ष में हिस्सेदारी बढ़ाने पर खर्च होंगे। इन सबके अलावा आईपीओ के जरिए जुटाए गए ₹200.1 करोड़ सर्वर और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे और मार्केटिंग पर ₹710 करोड़। बाकी पैसे अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।

कैसी है फिजिक्सवाला की कारोबारी सेहत?

फिजिक्सवाला का रेवेन्यू तेजी से बढ़ा है लेकिन कंपनी अभी मुनाफे में नहीं आई है। पिछले वित्त वर्ष 2025 में इसका ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 49% बढ़कर ₹2,886.6 करोड़ पर पहुंच गया। दो वित्त वर्षों यानी कि वित्त वर्ष 2023-25 में यह सालाना करीब 97% की रफ्तार (CAGR) से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का घाटा सालाना आधार पर ₹1,131 करोड़ से गिरकर ₹243.3 करोड़ पर आ गया। घाटे में यह तेज गिरावट इसलिए आई क्योंकि वित्त वर्ष 2024 में कंपनी के फेयर वैल्यू को ₹816.6 करोड़ का झटका लगा था।

खर्च की बात करें तो अब भी यह रेवेन्यू से अधिक है। वित्त वर्ष 2025 में ₹1,401.2 करोड़ के एंप्लॉयी बेनेफिट्स के चलते इसका खर्च ₹3,264.8 करोड़ रहा। कंपनी ने विज्ञापनों और प्रचार पर ₹276.2 करोड़ खर्च किए। डेप्रिसिएएशन और एमॉर्टाइजेशन ₹366.4 करोड़ रहा जो ऑफलाइन विस्तार में अधिक पूंजी खपत को दिखा रहा है।

कंपनी अब ऑफलाइन पर अधिक जोर दे रही है जिससे रेवेन्यू के ढांचे में बदलाव हो रहा है। देश के 109 शहरों में इसके 198 सेंटर्स हैं जिनसे इसे वित्त वर्ष 2025 में ₹1,351.9 करोड़ का रेवेन्यू मिला। यह ऑनलाइन चैनल से मिले ₹1,404 करोड़ के रेवेन्यू के लगभग बराबर है। फिजिक्सलाला के पेड यूजर्स बढ़कर 44.6 लाख पर पहुंच गए जबकि ऑफलाइन हर स्टूडेंट से औसतन रेवेन्यू ₹40,405 पर पहुंच गया। कंपनी की अधिकतर ग्रोथ कम प्राइस वाले कोर्सेज जैसे कि सिविल सर्विसेज, डिफेंस और अकाउंटेंसी से आई जिससे औसतन रेवेन्यू में गिरावट आई।

अब पैकेज की बात करें तो कंपनी के फाउंडर और सीईओ अलख पांडेय को वित्त वर्ष 2025 में ₹3.2 करोड़ मिले जबकि को-फाउंडर प्रतीक बूब की कमाई ₹1.35 करोड़ रही। यह उनके ₹90 लाख की बेस सैलरी से काफी ऊपर रही। अभी कंपनी के 3.09 करोड़ आउटस्टैंडिंग स्टॉक ऑप्शंस पेंडिंग है जो बाद में इक्विटी डायल्यूशन का कारण बन सकते हैं।

रिस्क की बात

आईपीओ में पैसे लगाने से पहले रिस्क पर भी गौर कर लेना चाहिए। फिजिक्सवाला के आईपीओ के ड्राफ्ट में कुछ अहम रिस्क सामने आए हैं। सबसे पहले तो यही है कि कंपनी लगातार घाटे में चल रही है। FY23 में इसका घाटा ₹84.1 करोड़ था जोकि FY24 में उछलकर ₹1,131 करोड़ पर पहुंच गया लेकिन फिर FY25 में यह ₹243.3 करोड़ पर आ गया। अगर खर्च पर कंट्रोल नहीं रखा गया तो घाटा जारी रह सकता है।

दूसरे रिस्क की बात करें तो कंपनी को सब्सिडरीज से भी झटका लग रहा है। वित्त वर्ष 2025 में जायलम लर्निंग (Xylem Learning), उत्कर्ष क्लासेज (Utkarsh Classes) और नॉलेज प्लैनेट (Knowledge Planet), सभी घाटे में रही, जिससे पैरेंट कंपनी को इन्हें फंड देना जारी रखना पड़ा। अगर ये कंपनियां मुनाफे में नहीं आतीं है, तो फिजिक्सवाला पर लगातार दबाव बना रहेगा।

तीसरा अहम रिस्क ये है कि फिजिक्सवाला के बिजनेस में ऑफलाइन सेंटर्स का दबदबा बढ़ता जा रहा है और इसका करीब आधा रेवेन्यू दिल्ली-एनसीआर, पटना, कालीकट और कोटा में ऑनलाइन सेंटर्स से आ रहा है। अगर इन शहरों में स्टुडेंट्स कम मिलते हैं तो इसे तगड़ा शॉक लग सकता है क्योंकि ऑफलाइन बिजनेस में काफी लागत लगती है।

चौथा अहम रिस्क ये है कि बड़ी संख्या में लोग कंपनी से जा रहे हैं। वित्त वर्ष 2025 में फैकल्टी के जाने की दर 36.5% रही जोकि वित्त वर्ष 2024 में 45.3% के मुकाबले कम है लेकिन अब भी टीचिंग टैलेंट पर बने कारोबार के लिए यह अधिक है। एडुटेक इंडस्ट्री में फैकल्टी की भर्ती और उसे बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण है। स्टूडेंट्स को लेकर बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में ड्रापआउट बढ़कर 46,019 पर पहुंच गया जो पेड यूजर्स के 1% से अधिक रहा जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 0.8% था। वहीं रिफंड, खासतौर से महंगे ऑफलाइन कोर्सेज में, की मांग इसके मार्जिन को झटका दे सकती है।

फिजिक्सवाला के लिए पांचवा अहम रिस्क ये है कि कंपनी की सफलता अलख पांडे और प्रतीक बूब पर निर्भर है। इसका मतलब हुआ है कि अगर ये कंपनी में प्रभावी भूमिका से हटते हैं तो न सिर्फ इसके कारोबार पर असर पड़ेगा बल्कि पांच साल में इसकी बनी-बनाई छवि को भी झटका को लग सकता है।

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