Last Updated on September 1, 2025 17:00, PM by Khushi Verma
Stock market : सोमवार को सभी सेक्टरों में हुई व्यापक खरीदारी के बीच बाज़ार मज़बूत रुख़ के साथ बंद हुए। निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने 2.7 फीसदी की बढ़त के साथ इस तेजी में सबसे ज्यादा योगदान दिया। उसके बाद कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2.2 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स भी 2 फीसदी और 1.7 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए। आईटी, मेटल, एनर्जी, तेल एवं गैस इंडेक्स 1.3-1.6 फीसदी से ज़्यादा चढ़ेष जबकि बैंक और वित्तीय शेयरों में मामूली बढ़त देखने को मिली। दूसरी ओर, एफएमसीजी इंडेक्स सपाट रहा। जबकि, फार्मा और मीडिया में मामूली गिरावट देखने को मिली। इंडिया VIX में लगभग 4 फीसदी की गिरावट के साथ वोलैटीलिटी कम हुई।
कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 568.09 अंक या 0.71 प्रतिशत बढ़कर 80,377.74 पर और निफ्टी 198.25 अंक या 0.81 प्रतिशत बढ़कर 24,625.10 पर बंद हुआ। लगभग 2681 शेयरों में तेजी आई, 1,320 शेयरों में गिरावट आई और 173 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के मंदार भोजने ने कहा आज की तेजी की मुख्य वजह भारत के मजबूत जीडीपी आंकड़े रहे। इससे बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और सभी सेक्टरों के लेकर सेंटीमेंट सुधार है। अच्छे आर्थिक आंकड़ों और मजबूत ग्लोबल संकेतों के दम पर कल भी बाजार की शुरुआत मजबूती के साथ होने की संभावना है, हालांकि दिन चढ़ने के साथ बाजार की चाल स्टॉक स्पेसिफिक हो सकती है।
मंदार भोजने ने आगे कहा कि निफ्टी 50 अपने 100-DEMA से नीचे कारोबार कर रहा है। अगर नीचे की तरफ 24,350 का स्तर टूटता है तो गिरावट बढ़ सकती है। निफ्टी के लिए 24,350 और 24,150 पर बड़े सपोर्ट है। जबकि 24,600-24,800 पर रेजिस्टेंस है। ट्रेडरों को सलाह है कि वे सतर्क रहें, बहुत आक्रामक पोजीशन लेने से बचें और 24,350 के आसपास खरीदारी करने पर विचार करें। 24,280 पर स्टॉप-लॉस रखें और 24,700-24,800 के आसपास मुनाफावसूली करें।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा ट्रंप की धमकी के जवाब में ग्लोबल भूराजनीति तेज़ी से बदल रही है। चीन, भारत और रूस के एक साथ आने से वैश्विक शक्ति समीकरणों और इस तरह वैश्विक व्यापार पर गहरा असर पड़ सकता है। इसका शेयर बाज़ार पर भी असर पड़ेगा।
वी.के. विजयकुमार ने आगे कहा कि ट्रंप के टैरिफ पर अमेरिकी अदालत का फैसला एक बड़ी घटना है। निवेशक इस मुद्दे पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करेंगे।