Last Updated on September 1, 2025 10:45, AM by Khushi Verma
Markets : घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 2025 में अब तक भारतीय इक्विटी बाजार में 5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का निवेश किया है। विदेशी निवेशकों की निकासी के दौर में हमारे बाज़ारों को घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भरपूर सपोर्ट मिला है। साल में अभी भी चार महीने बाकी हैं। यह लगातार दूसरा साल है जब DII ने यह आंकड़ा पार किया है। 5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा लगातार दूसरे साल हुई मजबूत घरेलू भागीदारी का प्रतीक है।
एनएसई के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड, बैंक, बीमा कंपनियों और अन्य घरेलू संस्थानों ने 2025 में 5.13 लाख करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर खरीदे हैं, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 5.25 लाख करोड़ रुपये का था। वहीं, 2023 में यह आंकड़ा 1.81 लाख करोड़ रुपये था। जबकि 2022 में घरेलू संस्थागत निवेशकों की तरफ से 2.76 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी हुई थी।
एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू खरीद में उछाल विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा की जा रही लगातार बिकवाली के बीच आया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2024 में लगभग 1.21 लाख करोड़ रुपये निकालने के बाद 2025 में भी बाजार में अब तक 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की है।
बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि प्रमोटरों द्वारा भारी बिकवाली और निजी इक्विटी फंडों द्वारा मुनाफावसूली के बावजूद, डीआईआई की खरीदारी ने FIIs की बिकवाली के दबाव को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
हालांकि, मज़बूत घरेलू निवेश ब्रॉडर मार्केट की तेजी में तब्दील नहीं हुआ है। ब्लूमबर्ग के एक नोट में बताया गया है कि बीएसई 500 कंपनियों में से केवल 30 प्रतिशत ने पिछले एक साल में पॉजिटिव रिटर्न दिया है, जबकि 70 प्रतिशत कंपनियों के शेयर गिरावट पर बंद हुए हैं। यह इस बात का संकेत है कि सिर्फ़ लिक्वविडिटी ही बाज़ार में व्यापक तेजी लाने की गारंटी नहीं है।
भारतीय शेयर बाजार 2025 में काफी वोलेटाइल रहे हैं, सेंसेक्स 2.1 फीसदी ऊपर और निफ्टी में 3.1 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स 3.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। स्मॉलकैप इंडेक्स में 6.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
हालांकि, विश्लेषक बाजार के ढ़ाचागत बदलाव को लेकर आशावादी बने हुए हैं। मार्केट एक्सपर्टअजय बग्गा का कहना है कि इक्विटी बाजार में घरेलू निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। लोगें की बढ़ती आय और निवेश की बढ़ती चाहत से बाजार में तेजी को सपोर्ट मिल रहा है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वी.के.विजयकुमार का कहना है कि वर्तमान स्तर पर बाजार की मजबूती मुख्य रूप से डीआईआई निवेश के कारण आई है। ये घरेलू बचत को इक्विटी निवेश में बदलने की लॉन्ग टर्म ट्रेंड का संकेत है।
विश्लेषक बाजार के ढ़ाचागत बदलाव को लेकर आशावादी बने हुए हैं। मार्केट एक्सपर्टअजय बग्गा का कहना है कि इक्विटी बाजार में घरेलू निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। लोगें की बढ़ती आय और निवेश की बढ़ती चाहत से बाजार में तेजी को सपोर्ट मिल रहा है
