8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बेसब्री बढ़ रही है। हालांकि, सरकार ने अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि कुछ भत्ते हटा दिया जाए या कुछ भत्तों को मर्ज कर दिया जाए।
पिछली बार क्या हुआ था?
अगर 7वें वेतन आयोग को देखा जाए तो उसमें सरकार ने करीब 200 से ज्यादा छोटे-छोटे भत्तों को खत्म कर दिया था। उनकी जगह बड़ी कैटेगरी में आने वाले कुछ अहम भत्ते जोड़े गए थे। इसका मकसद पे-सिस्टम को आसान और ट्रांसपेरेंट बनाना था, ताकि कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों की गिनती कम हो सके और भ्रम की स्थिति न बने।
इस बार किन भत्तों पर पड़ सकता है असर?
8वें वेतन आयोग में भी यही रास्ता अपनाया जा सकता है। अगर खबरों कि माने ते इस बार ट्रैवल अलाउंस, स्पेशल ड्यूटी अलाउंस, छोटे स्तर पर दिए जाने वाले रीजनल अलाउंस और कुछ लोकल अलाउंस पर कैंची चल सकती है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
कर्मचारियों को होगा नुकसान या फायदा?
जानकार मानते हैं कि अगर कुछ भत्तों को हटाया जाता है, तो इसका सीधा असर कर्मचारियों की जेब पर पड़ सकता है। लेकिन सरकार कोशिश करेगी कि कर्मचारियों को नुकसान न हो। ऐसे में उम्मीद है कि बेसिक सैलरी या अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी करके इसकी भरपाई की जा सकती है। इसके अलावा, महंगाई भत्ता (DA), पेंशन और अन्य फायदों में सुधार भी आयोग की सिफारिशों में शामिल किए जा सकते हैं।
अभी सभी की निगाहें सरकार की ओर से जारी होने वाले टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) पर टिकी हुई हैं। ToR आने के बाद ही यह साफ होगा कि आयोग का दायरा क्या होगा और कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में किस तरह के बदलाव किए जाएंगे।
