मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआईएल) के चेयरमैन आरसी भार्गव ने देशवासियों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ से किसी तरह के दबाव में नहीं आने को कहा है। उन्होंने कहा कि यह ऐसी चुनौती है, जिसका मुकाबला पूरे देश को मिलकर करने की जरूरत है। हमें अपनी गरिमा बनाए रखते हुए सरकार के साथ खड़े रहना होगा। उन्होंने ये बातें कंपनी की सालाना आम बैठक में कही। मारुति पैसेंजर कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है।
उन्होंने कहा कि कूटनीतिक हथियार के रूप में टैरिफ का इस्तेमाल करने से अप्रत्याशित चुनौती खड़ी हुई है। उन्होंने कहा, “प्रेसिडेंट ट्रंप ने कई देशों को अपनी ट्रेडिशनल पॉलिसीज और रिलेशनशिप पर पुनर्विचार करने को मजबूर किया है। भारतीय के रूप में हमारा कर्तव्य सरकार का समर्थन करना, अपने स्वाभिमान को बनाए रखना और इस दबाव का मिलकर सामना करना है।” ट्रंप ने 26 अगस्त को इंडिया पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया।
मारुति के प्रमुख ने ट्रंप के टैरिफ से आर्थिक दबाव का सामना करने के लिए टैक्स में राहत के उपायों पर जोर दिया। उन्होंने जीएसटी काउंसिल से छोटी कारों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने का अनुरोध किया। जीएसटी काउंसिल की बैठक 3 और 4 सितंबर को होने वाली है। उन्होंने कहा कि जीएसटी घटने से खासकर छोटी कारों की डिमांड बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिपेंडेंस डे के मौके पर जीएसटी में कमी का जो ऐलान किया था उससे छोटी कारों पर टैक्स घटेगा। इससे कार इंडस्ट्री में रिकवरी आएगी। इंडस्ट्रियल एक्टिविटी बढ़ेगी और नई नौकरियां पैदा होंगी।”
उन्होंने कहा कि मारुती के विस्तार का प्लान जीएसटी काउंसिल के फैसले और घरेलू डिमांड पर इसके असर पर निर्भर करेगा। पिछले कुछ सालों से छोटी कारों की बिक्री घट रही है। ऑटो मार्केट को पिछले कुछ समय से एसयूवी की बिक्री से सपोर्ट मिल रहा है। फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की पहली तिमाही में पैसेंजर्स कारों की बिक्री में 1.6 फीसदी गिरावट आई। उन्होंने टैक्स के मामले में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों के लिए एक जैसे नियम की भी मांग की। अभी ईवी पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, जबकि हाइब्रिड कार पर 28 फीसदी टैक्स लगता है।
