Uncategorized

कपड़ा कारोबारी 31 दिसंबर तक ड्यूटी-फ्री कॉटन इंपोर्ट कर पाएंगे: 50% अमेरिकी टैरिफ से टेक्सटाइल सेक्टर को बचाने के लिए फैसला, 11% तक छूट मिलेगी

कपड़ा कारोबारी 31 दिसंबर तक ड्यूटी-फ्री कॉटन इंपोर्ट कर पाएंगे:  50% अमेरिकी टैरिफ से टेक्सटाइल सेक्टर को बचाने के लिए फैसला, 11% तक छूट मिलेगी

Last Updated on August 28, 2025 13:48, PM by Pawan

 

सरकार ने कपास (कॉटन) के ड्यूटी-फ्री आयात को तीन महीने और बढ़ा दिया है। अब टेक्सटाइल कारोबारी 31 दिसंबर तक बिना इंपोर्ट ड्यूटी के बाहर से कॉटन मंगा सकेंगे। इससे पहले सरकार ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक के लिए इसकी छूट दी थी। टेक्सटाइल कारोबारियों को 50% अमेरिकी टैरिफ के बोझ से राहत देने के लिए यह फैसला लिया गया है।

 

आज यानी गुरुवार (28 अगस्त) को मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘निर्यातकों को और सपोर्ट करने के लिए, केंद्र सरकार ने कपास (HS 5201) पर इंपोर्ट आयात ड्यूटी छूट को 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक करने का फैसला किया है।’

आयात ड्यूटी में कुल 11% की छूट मिलेगी

इसमें 5% बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) और 5% एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) के साथ-साथ दोनों पर 10% सोशल वेलफेयर सरचार्ज, यानी कुल 11% आयात ड्यूटी से छूट शामिल है।

इस कदम से टेक्सटाइल वैल्यू चेन, जैसे यार्न, फैब्रिक, गारमेंट्स और मेड-अप्स के इनपुट कॉस्ट कम होने की उम्मीद है। इससे टेक्सटाइल निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी। 27 अगस्त से अमेरिका ने भारतीय सामानों, जैसे टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण और चमड़े पर 50% ड्यूटी लगा दी है।

ड्यूटी छूट से घरेलू बाजार में कच्चे कपास की कमी नहीं होगी, कपास की कीमतें स्टेबल रहेंगी और इससे तैयार टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर महंगाई का दबाव कम होगा।

सरकार के मुताबिक, यह कदम भारतीय टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट कॉम्पिटिशन को बढ़ाएगा, प्रोडक्ट बनाने की लागत में कमी आएगी और इस सेक्टर की छोटी-मध्यम कंपनियों (SMEs) को सुरक्षा मिलेगा।

50% अमेरिकी टैरिफ- टेक्सटाइल पर कितना असर

पहले की स्थिति :

भारत ने 2024 में अमेरिका को 10 बिलियन डॉलर, यानी करीब 87 हजार करोड़ के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट किए थे। इसमें रेडीमेड गार्मेंट से लेकर कॉटन यार्न और कारपेट शामिल है।

इस साल की पहली तिमाही में भारत का कुल निर्यात 10% बढ़कर 4 बिलियन डॉलर हो गया, जिसमें अमेरिका को निर्यात 14% बढ़ा।

टैरिफ के बाद:

नए टैरिफ से 50% भारतीय कपड़ों के कीमत बढ़ सकती है। कंपड़ों की मांग में 20-25% की कमी संभव है। अमेरिका में भारत के कपड़ा निर्यात का हिस्सा पिछले साल के 33% से घटकर इस साल 20-25% रह जाएगा।

अमेरिका में भारतीय कपड़ों की कीमत बढ़ने से मांग घट सकती है।

अमेरिका में भारतीय कपड़ों की कीमत बढ़ने से मांग घट सकती है।

क्या कर सकता है भारत?

  • अब भारतीय कपड़ा कंपनियों को यूरोपीय संघ (EU), यूनाइटेड किंगडम (UK) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे अन्य बड़े निर्यात बाजारों पर ध्यान देना होगा, जो भारत के कुल निर्यात का 45% हैं।
  • भारत के कपड़ा उद्योग ने सरकार से कच्चे कपास पर 11% का आयात शुल्क हटाने का सुझाव दिया है। इस कदम से अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में एक मजबूत सौदेबाजी का मौका मिल सकता है।

————————–

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top