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IndiGo Shares: इंडिगो के शेयर 4.5% धड़ाम, ₹5,135 करोड़ की हिस्सेदारी बिकी, गंगवाल फैमिली का आ रहा नाम

IndiGo Shares: इंडिगो के शेयर 4.5% धड़ाम, ₹5,135 करोड़ की हिस्सेदारी बिकी, गंगवाल फैमिली का आ रहा नाम

Last Updated on August 28, 2025 10:40, AM by Khushi Verma

IndiGo Shares: इंडिगो एयरलाइन की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) के शेयरों में आज 28 अगस्त को 4.5% से अधिक की तेज गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट इस खबर के बाद आई कि राकेश गंगवाल परिवार (Rakesh Gangwal Family) ने एक ब्लॉक डील के जरिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। इस ब्लॉक डील में कंपनी की करीब 2.2 फीसदी को खरीदा-बेचा गया है, जिसकी कुल वैल्यू करीब 5,135 करोड़ रुपये बताई जा रही है। सुबह 9.30 बजे के करीब, इंडिगो के शेयर 4.6% तक टूटकर 5,769.5 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे।

इससे पहले सीएनबीसी-आवाज ने एक रिपोर्ट में बताया था कि गंगवाल परिवार इंटरग्लोब एविएशन में अपनी 3.1% हिस्सेदारी तक बेचने की योजना बना रहा था। यह सौदा लगभग ₹7,020 करोड़ रुपये का बताया गया था, जिसके लिए फ्लोर प्राइस 5,808 रुपये तय किया था। यह भाव इंडिगो के पिछले कारोबारी दिन के बंद भाव से लगभग 4% कम है।

राकेश गंगवाल ने फरवरी 2022 में एयरलाइन के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। तब से गंगवाल परिवार लगातार अपनी हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से बाहर निकलने की प्रक्रिया में है। 2025 में अब तक गंगवाल परिवार इंडिगो में अपनी करीब 9% हिस्सेदारी बेच चुका है।

अब तक कितनी हिस्सेदारी बेची?

2022 से अब तक गंगवाल फैमिली ने हिस्सेदारी घटाकर लगभग ₹45,300 करोड़ जुटाए हैं।

– सितंबर 2022 में 2.74% हिस्सेदारी 2,005 करोड़ रुपये में बेची गई।

– फरवरी 2023 में राकेश गंगवाल की पत्नी शोभा गंगवाल ने अपनी 4% हिस्सेदारी ₹2,944 करोड़ में बेची।

– अगस्त 2023 में गंगवाल परिवार ने करीब ₹2,800 करोड़ में 2.9% हिस्सेदारी बेची।

– अगस्त 2024 में गंगवाल परिवार के ट्रस्ट ने 5.2% हिस्सेदारी ₹9,549 करोड़ रुपये जुटाए।

– मई 2025 में भी गंगवाल परिवार ने इसी तरह की एक ब्लॉक डील से ₹11,900 करोड़ जुटाए थे।

आज की ब्लॉक डील के बाद इंडिगो में गंगवाल परिवार की हिस्सेदारी घटकर 4.78% रह जाएगी, जिसकी अनुमानित वैल्यू लगभग 11,169 करोड़ रुपये है।

कोटक सिक्योरिटीज की राय

कोटक सिक्योरिटीज ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि इंडिगो में क्षमता कटौती बाकी राइवल कंपनियों की तुलना में थोड़ी तेजी से हो रही है। हालांकि ब्रोकरेज ने साफ किया कि यह मांग कमजोर होने का संकेत नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया कि पहले कंपनी सितंबर तिमाही में क्षमता बढ़ाकर Q3 और Q4 की मजबूत मांग को पूरा करने की रणनीति अपनाती थ

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