अगर आपने म्यूचुअल फंड की सही स्कीम में निवेश कर दिया तो आपको मालामाल होने से कोई रोक नहीं सकता है। आम तौर पर म्यूचुअल फंड की किसी इक्विटी स्कीम का सालाना 12 फीसदी से ज्यादा रिटर्न अच्छा माना जाता है। लेकिन, अगर किसी स्कीम का रिटर्न इससे ज्यादा है तो आप क्या कहेंगे? बंधन मिडकैप फंड ने शुरुआत के बाद के तीन सालों में सालाना 20.41 फीसदी रिटर्न दिया है। बंधन म्यूचुअल फंड ने अपनी इस मिडकैप स्कीम के तीन साल पूरे होने पर उसके प्रदर्शन के बारे में बताया है।
बंधन म्यूचुअल फंड ने कहा है कि अगर किसी इनवेस्टर ने उसके इस मिडकैप फंड के न्यू फंड ऑफर में 10,000 रुपये का निवेश किया होता तो उसका पैसा बढ़कर आज 17,307 रुपये हो गया होता। यह फंड उन मिडकैप कंपनियों के शेयरों में इनवेस्ट करता है, जिनकी ग्रोथ की संभावना अच्छी होती है। इस फंड ने निवेश में डायवर्सिफिकेशन का भी ख्या रखा है। इससे बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान रिस्क घट जता है। इसके फंड मैनेजर्स का कहना है कि निवेश में कम रिस्क और हायर ग्रोथ विजिबिलिटी पर फोकस किया गया है।
Bandhan Midcap Fund का फोकस इलेक्ट्ऱॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, फिनटेक, पावर शॉर्टेज और हॉस्पिटैलिटी जैसी थीम पर है। जुलाई 2025 में इसके पोर्टफोलियो में कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर सर्विसेज और हेल्थकेयर कंपनियों की हिस्सेदारी ज्यादा थी। फाइनेंशियल सर्विसेज, ऑयल एंड गैस और मेटल्स एंड माइनिंग पर इसने ज्यादा दांव नहीं लगाया है। इस फंड ने ज्यादा निवेश 31,000 से 91,000 करोड़ रुपये मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों में किया है।
बंधन म्यूचुअल फंड ने कहा है कि उसके इस मिडकैप फंड में सिप के निवेशकों को एकमुश्त निवेशकों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिला है। पिछले साल सिप निवेशकों का रिटर्न 7 पर्सेंटेज प्वाइंट ज्यादा था। इस फंड की एक खासियत यह है कि इसमें हर महीने 100 रुपये से निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,800 करोड़ रुपये के पार हो गया है। करीब 70 फीसदी निवेश मिडकैप स्टॉक्स में है। इसका मतलब है कि इस स्कीम को मिडकैप कंपनियों के अच्छे प्रदर्शन का लाभ मिला है।
मनीकंट्रोल का मकसद बंधन मिडकैप फंड के बारे में जानकारी देने का मकसद सिर्फ मिडकैप शेयरों के प्रदर्शन की संभावनाओं के बारे में बताना है। निवेशकों को किसी स्कीम के पुराने प्रदर्शन को देख निवेश का फैसला नहीं करना चाहिए। इस बारे में निवेशक अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर की राय ले सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर को रिस्क लेने की अपनी क्षमता और निवेश की अवधि के आधार पर स्कीम का चुनाव करना चाहिए।
