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Vikran Engineering IPO: 26 अगस्त को खुलेगा आईपीओ, क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

Vikran Engineering IPO: 26 अगस्त को खुलेगा आईपीओ, क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

Last Updated on August 26, 2025 7:26, AM by Khushi Verma

विक्रान इंजीनियरिंग का आईपीओ 26 अगस्त को खुल जाएगा। यह आईपीओ 772 करोड़ रुपये का है। इसमें कंपनी 721 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी, जबकि ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए प्रमोटर्स अपने 51 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे। इस इश्यू में 29 अगस्त तक निवेश किया जा सकता है। विक्रान इंजीनियरिंग एक इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन कंपनी है।

92-97 रुपये का प्राइस बैंड

Vikran Engineering ने आईपीओ के लिए शेयर का प्राइस बैंड 92-97 रुपये रखा है। FY25 की अर्निंग्स के मुकाबले इसके शेयर की कीमत (अपर बैंड) 32 गुना है। कंपनी की खासियत इसकी ऑर्डर बुक है, जो FY25 में इसके रेवेन्यू का 2.2 गुना है। कंपनी के क्लाइंट्स में एनटीपीसी जैसी दिग्गज कंपनी शामिल है। कई सरकारी पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां भी इसकी क्लाइंट्स हैं। कंपनी का एसेट-लाइट बिजनेस मॉडल इसकी खासियत है।

44 प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम

कंपनी आईपीओ से हासिल ज्यादातर पैसे का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल के रूप में करेगी। कुछ पैसे का इस्तेमाल वह सामान्य कारोबारी जरूरतों के लिए भी करेगी। यह इंडिया की सबसे तेज ग्रोथ वाली ईपीसी कंपनियों में से एक है। यह क्लाइंट्स को एंड-टू-एंड सॉल्यूशंस ऑफर करती है। 30 जून, 2025 तक कंपनी ने 14 राज्यों में कुल 45 प्रोजेक्ट्स पूरे कर चुकी थी। इनकी कुल वैल्यू 1,920 करोड़ रुपये है। अभी 16 राज्यों में कंपनी 44 प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।

सरकारी प्रोजेक्ट्स पर निर्भरता

FY25 में विक्रान इंजीनियरिंग का ऑपरेशंस से रेवेन्यू 16.53 फीसदी बढ़कर 916 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की ऑर्डर बुक स्ट्रॉन्ग है। इसका लाइट-एसेट बिजनेस मॉडल इसकी खासियत है। लेकिन, रेवेन्यू के लिहाज से कंपनी की निर्भरता सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काफी ज्यादा है। ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयरों में करीब 17 फीसदी से ज्यादा प्रीमियम चल रहा था। इससे शेयर स्टॉक मार्केट्स में प्रीमियम पर लिस्ट हो सकते हैं। लेकिन, उतारचढ़ाव वाले बाजार में यह पक्के तौर पर कहना मुश्किल है।

क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

लिस्टिंग गेंस के लिए इस स्टॉक में निवेश करने वाले इनवेस्टर्स के लिए रिस्क है। मार्केट का सेंटिमेंट का कमजोर है, जिसका असर 1 अगस्त को कंपनी की लिस्टिंग पर पड़ सकता है। उधर, अगर कोई इनवेस्टर्स लंबी अवधि के लिए इस स्टॉक में निवेश करना चाहता है तो वह पहले से लिस्टेड उन कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकता है, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अपेक्षाकृत बेहतर है। इस इश्यू से दूरी बनाना ठीक रहेगा।

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