Last Updated on August 20, 2025 21:56, PM by Pawan
Nazara Tech shares: शेयर बाजार में लिस्टेड भारत की इकलौती गेमिंग कंपनी नजारा टेक के लिए आज यानी बुधवार 20 अगस्त का दिन काफी बुरा रहा। कंपनी के शेयर एक झटके में 13 पर्सेंट तक टूट गए। छोटे निवेशकों को तो नुकसान हुआ ही, लेकिन उसके साथ निखिल कामत, मधु केला जैसे कई बड़े निवेशक को भी इस गिरावट से झटका लगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह शेयर आगे करीब 30 पर्सेंट तक भी टूट सकता है। हुआ ये है कि सरकार ऑनलाइन गेमिंग को लेकर एक नया कानून बनाने जा रही है। इस कानून का नाम है ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025।’
लोकसभा से ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पास
लोकसभा ने बुधवार को इस ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को पास भी कर दिया। इस बिल का मकसद सभी तरह के ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्मों पर रोक लगाना है, फिर चाहे वो स्किल आधारित प्लेटफॉर्म हो या फिर चांस आधारित। यह बिल जांच अधिकारियों को बिना वारंट के तलाशी और गिरफ्तारी की शक्ति भी देता है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी जांच का दायरा किसी भी लोकेशन तक बढ़ा सकती है। इसमें लोगों के कंप्यूटर सिस्टम, सर्वर और कम्युनिकेशंस डिवाइस भी शामिल हैं। इस बिल का सीधा असर आज नजारा टेक्नोलॉजीज के शेयरों पर दिखाई दिया।
नजारा टेक भारत की इकलौती लिस्टेड गेमिंग कंपनी है। कंपनी के शेयरों में आज 12.84 फीसदी की गिरावट आई और यह 1,220 रुपये के भाव पर बंद हुए।
रियल मनी गेमिंग बिजनेस में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी
नजारा टेक्नोलॉजीज के बारे में बात करें तो इसके पास कर्व गेम्स, किडोपिया, वर्ल्ड क्रिकेट चैंपियनशिप और स्पोर्ट्सकीड़ा जैसे ब्रांड है। इसके अलावा इसकी रियल-मनी गेमिंग बिजनेस में अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सेदारी है और यही बात निवेशकों और एक्सपर्ट्स को परेशान कर रही है।
कंपनी ने सितंबर 2024 में ‘पोकरबाजी’ ऐप को चलाने वाली कंपनी मूनशाइन टेक्नोलॉजी में 47.7 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। ये हिस्सेदारी कुल 832 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी। हालांकि फिलहाल इसके पास मूनशाइन टेक्नोलॉजी में 46.07 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू 805 करोड़ रुपये है।
कंपनी ने खुद भी शेयर बाजारों को भेजी एक जानकारी में बताया कि नजारा टेक का रियल मनी गेमिंग बिजनेस में कोई सीधी हिस्सेदारी नहीं है। उसके रेवेन्यू और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में रियल मनी गेमिंग बिजनेस की हिस्सेदारी जीरो है। कंपनी की सिर्फ एक अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी है, जो उसने मूनशाइन के जरिए ले रखी है।
ब्रोकरेज फर्मों का क्या है कहना?
हालांकि ब्रोकरेज फर्मों का कहना है नजारा टेक अपने यूजर्स ग्रोथ, रेवेन्यू और इंगेजमेंट को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ समय से पोकरबाजी पर दांव लगा रही थी। सरकार के नए कानून से अगर रियल मनी गेमिंग बिजनेस पर रोक लगती है, तो कंपनी का 805 करोड़ रुपये का निवेश खतरे में पड़ सकता है।
ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर ने कहा कि कंपनी को इस निवेश को राइट-ऑफ तक भी करना पड़ सकता है। प्रभुदास लीलाधर ने कहा कि उसने नजारा टेक के शेयर के लिए 1,345 रुपये का टारगेट प्राइस दिया था। इसमें से करीब 35 प्रतिशत हिस्सा, पोकरबाजी को ध्यान में रखकर दिया गया था। अगर पोकरबाजी पर रोक लगती है तो फिर इसका शेयर गिरकर 917 रुपये तक आ सकता है।
चोला सिक्योरिटीज के धर्मेश कांत ने भी बताया कि अगर पोकरबाजी पर बैन लगता है, तो नजारा टेक के वैल्यूएशन में 25 से 30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
दिग्गज निवेशकों को भी झटका
खास बात यह है कि इस गिरावट का असर जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत और जाने-माने निवेशक मधु केला के पोर्टफोलियो में भी दिखाई देगा। इन दोनों दिग्गजों ने नजारा टेक के स्टॉक में निवेश किया हुआ है। निखिल कामत के पास नजारा टेक के 15.04 लाख शेयर या करीब 1.62 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी होल्डिंग वैल्यू में आज करीब 26 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
वहीं मधूसुदन केला के पास कंपनी के 10.96 लाख शेयर या करीब 1.18 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी होल्डिंग वैल्यू में करीब 19 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
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