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रिलायंस को 2030 तक दोगुना करना चाहते हैं मुकेश अंबानी, 44 लाख शेयरहोल्डर्स को क्या फायदा?

रिलायंस को 2030 तक दोगुना करना चाहते हैं मुकेश अंबानी, 44 लाख शेयरहोल्डर्स को क्या फायदा?

 

रिलायंस इंडस्ट्रीज के 44 लाख शेयरहोल्डर्स के लिए अच्छी खबर है। कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2030 तक अपना साइज दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। कई ब्रोकरेज हाउस ने कंपनी के शेयर का टारगेट प्राइस बढ़ाया है। जानिए कहां तक जा सकती है कीमत…

इस साल रिलायंस के शेयरों में 16 फीसदी तेजी आई है।
 
नई दिल्ली: देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के 44 लाख शेयरहोल्डर्स के लिए अच्छी खबर है। कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने फाइनेंशियल ईयर 2030 तक रिलायंस का साइज डबल करने का लक्ष्य रखा है। अभी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 19 लाख करोड़ रुपये है। रिलायंस का यह प्लान ऐसे समय पर आया है जब कंपनी के शेयर पहले से ही इस साल 16% बढ़ चुके हैं। हालांकि पिछले साल निवेशकों को थोड़ी निराशा हुई थी। अब सबकी निगाहें 29 अगस्त को होने वाली सालाना कंपनी की एजीएम पर है। माना जा रहा है कि अंबानी इस बैठक में कुछ बड़े ऐलान कर सकते हैं, जिससे शेयरधारकों को फायदा होगा।जून तिमाही में रिलायंस के नतीजे मिलेजुले रहे। लेकिन रिलायंस के मैनेजमेंट ने आगे बढ़ने की पूरी उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि 2029-30 तक कंपनी का EBITDA दोगुना हो जाएगा। कंपनी ने यह भी कहा है कि जियो और रिटेल दोनों ही अगले 3-4 साल में अपनी कमाई को दोगुना कर लेंगे। कंपनी को आगे बढ़ाने में इन दोनों का बड़ा रोल होगा। बुधवार को कंपनी का शेयर बीएसई पर 1420.60 रुपये पर ट्रेड कर रहा है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 1,551 रुपये है। 

टारगेट प्राइस

CLSA के विकास कुमार जैन ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि जियो और रिटेल की बढ़ती हिस्सेदारी से रिलायंस का EBITDA बहुत जल्द बेहतर होगा। स्टॉक अभी अपनी सही कीमत से कम पर कारोबार कर रहा है। जियो में टैरिफ बढ़ने से अच्छी ग्रोथ हो रही है। रिटेल ऑपरेशंस भी सुधर रहे हैं। इससे स्टॉक में काफी उछाल आ सकता है।” उन्होंने कहा कि जियो और रिटेल कारोबार को दोगुना करने का लक्ष्य और नए एनर्जी कारोबार को O2C कारोबार के बराबर लाने का प्लान रिलायंस को FY30 तक दोगुना करने में मदद करेगा।

ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस CLSA ने रिलायंस पर “आउटपरफॉर्म” रेटिंग देते हुए टारगेट प्राइस 1,650 रुपये रखा है। उनका मानना है कि भारतीय बाजार में रिलायंस का वैल्यूएशन अभी कम है, इसलिए यह बड़े निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका है। बड़े-बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक भी रिलायंस को सपोर्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि रिटेल और टेलिकॉम मिलकर FY25 के कुल EBITDA का लगभग 54% हिस्सा हैं। अगले तीन साल में EBITDA में जो भी बढ़ोतरी होगी, उसमें ज्यादातर हिस्सा इन्हीं दोनों का होगा।

कैश फ्लो

ब्रोकरेज हाउस को उम्मीद है कि रिलायंस अपने खर्चों को संभालने के बाद भी अच्छा कैश फ्लो बनाए रखेगी। उसने रिलायंस के शेयर का टारगेट प्राइस 1,695 रुपये रखा है। इस बीच गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि FY25-28 में रिलायंस की कमाई 13% की दर से बढ़ेगी। उसका मानना है कि रिलायंस के सभी कारोबार में सुधार होगा। नए फैशन ब्रांड, क्विक कॉमर्स और अपने कंज्यूमर ब्रांड्स से रिलायंस रिटेल की कमाई 17% तक बढ़ जाएगी। HSBC ने चार साल बाद रिलायंस को “Buy” रेटिंग देते हुए टारगेट प्राइस 1,630 रुपये रखा है।

Nomura का मानना है कि नया एनर्जी कारोबार रिलायंस के लिए अगला ग्रोथ ड्राइवर बन सकता है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह इंटीग्रेटेड सोलर सॉल्यूशंस और ESS बैटरी बनाने और लगाने में दुनिया में सबसे आगे रहे। Goldman Sachs का कहना है कि नए एनर्जी कारोबार की शुरुआत 1GW लाइन से हुई है। 2026 तक ये पूरी तरह से इंटीग्रेटेड हो जाएगी और इसकी क्षमता 10GW तक पहुंच जाएगी। इससे कंपनी को कम कीमत पर बिजली मिलेगी, जिसका इस्तेमाल वह अपने एनर्जी और डेटा सेंटर इन्फ्रास्ट्रक्चर में करेगी। ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल से कंपनी को एनर्जी की लागत में लगभग 25% की कमी आ सकती है।

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