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लिस्टिंग के बाद पहली-तिमाही में NSDL का मुनाफा 15% बढ़ा: रेवेन्यू 7% गिरकर ₹312 करोड़ रहा; इश्यू प्राइस से अब तक 60% से ज्यादा चढ़ा शेयर

लिस्टिंग के बाद पहली-तिमाही में NSDL का मुनाफा 15% बढ़ा:  रेवेन्यू 7% गिरकर ₹312 करोड़ रहा; इश्यू प्राइस से अब तक 60% से ज्यादा चढ़ा शेयर

Last Updated on August 12, 2025 22:33, PM by Pawan

 

लिस्टिंग के बाद नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी NSDL का वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 15% बढ़कर ₹90 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट ₹78 करोड़ रहा था।

 

NSDL के ऑपरेशन से कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू यानी आय में सालाना आधार पर 7% की गिरावट आई है। पहली तिमाही में कंपनी का ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹312 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में रेवेन्यू ₹337 करोड़ रहा था।

इश्यू प्राइस से अब तक 60% से ज्यादा चढ़ा शेयर

रिजल्ट आने के पहले आज NSDL का शेयर 1.24% चढ़कर ₹1,288.80 पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर इश्यू प्राइस से अब तक 60% से ज्यादा चढ़ चुका है। इस शेयर का इश्यू प्राइस ₹800 था और लिस्टिंग ₹880 पर हुई थी। कंपनी का मार्केट कैप 25.70 हजार करोड़ रुपए है।

IPO से कंपनी ने 4,011 करोड़ रुपए जुटाए थे। ये पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल था, यानी, मौजूदा शेयरहोल्डर्स ने अपनी हिस्सेदारी बेची थी। कंपनी का IPO 30 जुलाई को ओपन हुआ था। वहीं कंपनी की लिस्टिंग 6 अगस्त को हुई थी।

क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?

कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।

क्या है NSDL और इसका काम?

NSDL एक डिपॉजिटरी इंस्टीट्यूशन है। यानी ये आपके डीमैट अकाउंट में शेयर, बॉन्ड्स और दूसरी सिक्योरिटीज को डिजिटल फॉर्म में रखने का काम करता है।

जैसे बैंक में आपका पैसा सुरक्षित रखता है वैसे ही NSDL शेयरों को डीमैट अकाउंट में सुरक्षित रखता है। 1996 में बनी ये कंपनी आज देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है

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