Last Updated on August 12, 2025 15:01, PM by Pawan
गोल्ड में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 12 अगस्त को तेजी दिखी। स्पॉट गोल्ड 0.1 फीसदी की मामूली मजबूती के साथ 3,348 डॉलर प्रति औंस था। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.2 फीसदी चढ़कर 3,397.10 डॉलर प्रति औंस था। इधर, इंडिया में गोल्ड फ्यूचर्स पर हल्का दबाव दिखा। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स 1:39 बजे 61 रुपये यानी 0.06 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,00,261 रुपये प्रति 10 ग्राम था। 11 अगस्त को देश और विदेश दोनों में सोने में तेज गिरावट देखने को मिली थी।
अमेरिका में इनफ्लेशन घटने पर रेट कट की उम्मीद बढ़ेगी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स को अमेरिका में इनफ्लेशन का डेटा आने का इंतजार है। 12 अगस्त को शाम 6 बजे (भारतीय समय के अनुसार) के करीब अमेरिका में इनफ्लेशन का डेटा आएगा। इसका असर फेडरल रिजर्व की मॉनेटरी पॉलिसी पर पड़ेगा। 11 अगस्त को गोल्ड में 1.6 फीसदी की गिरावट आई थी। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स तो 2 फीसदी से ज्यादा गिरा था। इसकी वजह अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह आश्वासन था कि गोल्ड बार पर टैरिफ नहीं लगेगा।
टैरिफ को लेकर अनिश्चितता से गोल्ड को मिल रहा सपोर्ट
अमेरिका में जुलाई में कोर इनफ्लेशन 0.3 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। अगर इनफ्लेशन ज्यादा नहीं बढ़ता है को फेडरल रिजर्व अगले महीने इंटरेस्ट रेट में कमी कर सकता है। इंटरेस्ट रेट घटने से सोने की चमक बढ़ जाती है। मेहता इक्विटीज के वीपी (कमोडिटीज) राहुल कलांतरी ने कहा कि सोने की डिमांड को टैरिफ को लेकर अनिश्चितता से सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इंडिया में गोल्ड के लिए 99,850-99,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर सपोर्ट उपलब्ध है। इसे 1,00,750-1,00,980 रुपये पर रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ेगा।
इनवेस्टर्स की नजरें ट्रंप-पुतिन की मुलाकात पर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में बातचीत होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन की लड़ाई खत्म करने की संभावनाओं पर बातचीत होगी। इस बातचीत का असर सोने पर पड़ेगा। अगर बातचीत बेनतीजा रहती है तो गोल्ड की कीमतों में तेजी दिख सकती है। अगर लड़ाई खत्म करने को रूस तैयार हो जाता है तो गोल्ड की कीमतों पर दबाव दिख सकता है।
गिरावट पर गोल्ड में करें खरीदारी
इनवेस्टर्स को गोल्ड में निवेश के लिए कीमतों में गिरावट का इंतजार करना चाहिए। जिन इनवेस्टर्स के पोर्टफोलियो में गोल्ड नहीं है, वे कीमतों में गिरावट आने पर थोड़ी खरीदारी कर सकते हैं। गोल्ड में निवेश के लिए ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।