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अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की डील, चहक उठे Tata Motors के शेयर, क्या है वजह?

अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की डील, चहक उठे Tata Motors के शेयर, क्या है वजह?

Last Updated on July 28, 2025 12:49, PM by Pawan

Tata Motors Share Price: टाटा ग्रुप की पैसेंजर और कॉमर्शियल वेईकल यूनिट टाटा मोटर्स के शेयर आज कमजोर मार्केट में भी संभल गए। इसकी वजह अमेरिका और यूरोपीय यूनियन (EU) के बीच कारोबारी सौदे का ऐलान है। शुरुआती कारोबार में आज मुनाफावसूली की तेज आंधी में भी टाटा मोटर्स के शेयर संभल गए। हालांकि तेजी मामूली ही रही लेकिन जिस तरह से बिकवाली की आंधी है, उसमें भी इंट्रा-डे में यह करीब 2% उछल गया। फिलहाल बीएसई पर यह 0.79% की बढ़त के साथ ₹692.75 पर है। हालांकि इंट्रा-डे में यह 1.94% उछलकर ₹700.60 पर पहुंच गाया था।

क्या हुआ है अमेरिका और ईयू के बीच सौदा?

अमेरिका और यूरोपीय यूनियम के बीच अहम कारोबारी सौदा हुआ है। इसके तहत अब यूरोपीय संघ को अमेरिका भेजी जाने वाली अधिकतर चीजों पर अब 15% की दर से टैरिफ चुकाना होगा। यह राहत कारों के निर्यात पर भी मिली है जिस पर पहले टैरिफ की दर 27.5% थी।

अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच जो कारोबारी डील हुई है, वह टाटा मोटर्स के लिए काफी अहम है क्योंकि इसकी सब्सिडरी यानी सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर के लिए अमेरिकी मार्केट काफी अहम है। यूके की जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर पहले से ही यूके से निर्यात पर 10% टैरिफ लगा हुआ है क्योंकि जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका के साथ एक समझौते पर साइन हो चुके थे। ब्रिटेन अब यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं है। इसके अलावा स्लोवाकिया में भी इसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है जोकि 27 देशों के समूह ईयू का हिस्सा है। इस प्लांट से निर्यात का अधिकतर हिस्सा अमेरिका को होता है।

अप्रैल महीने में जगुआर लैंड रोवर ने अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ के चलते अमेरिका को निर्यात अस्थायी रोक दिया था लेकिन फिर इसे फिर मई में शुरू कर दिया गया। हालांकि कंपनी ने यह नहीं स्पष्ट किया है कि स्लोवाकिया से कितनी कारें अमेरिका को भेजी जाती हैं लेकिन पिछले वर्ष 2024 में वैश्विक होलसेल वॉल्यूम 22% बढ़ा था। स्लोवाकिया प्लांट में जगुआर लैंड रोवर का डिफेंडर मॉडल बनता है।

एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?

टाटा मोटर्स के शेयर पिछले साल 30 जुलाई 2024 को ₹1179.05 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। इस हाई से यह नौ महीने में 53.98% फिसलकर 7 अप्रैल 2025 को ₹542.55 पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। अब आगे की बात करें तो इंडमनी पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इसे कवर करने वाले 28 एनालिस्ट्स में से 11 ने इसे खरीदारी, 12 ने होल्ड और 5 ने होल्ड रेटिंग दी है। इसका हाइएस्ट टारगेट प्राइस ₹1300 और लोएस्ट टारगेट प्राइस ₹600 है।

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