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रिलायंस ग्रुप की कंपनियों पर ED की कार्रवाई पूरी: 3 दिन में 35 ठिकानों पर हुई छापेमारी; कंपनी बोली- शेयर होल्डर्स पर असर नहीं

रिलायंस ग्रुप की कंपनियों पर ED की कार्रवाई पूरी:  3 दिन में 35 ठिकानों पर हुई छापेमारी; कंपनी बोली- शेयर होल्डर्स पर असर नहीं

Last Updated on July 27, 2025 17:01, PM by

 

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  • ED Raids Anil Ambani’s Reliance Power, Infra Conclude: Shares Drop 10%, Companies Deny Impact

नई दिल्ली6 मिनट पहले

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रिलायंस ग्रुप की कंपनियों ने बताया कि इस कार्रवाई का उनके बिजनेस, वित्तीय प्रदर्शन, या शेयरहोल्डर्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

प्रवर्तन निदेशालय ( ED) की अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी आज पूरी हो गई है। ये कार्रवाई 24 जुलाई को शुरू हुई थी, जो तीन दिन तक चली। रेड में करीब 50 कंपनियां शामिल हैं। 25 से ज्यादा लोगों से भी पूछताछ की गई है।

 

रिलायंस ग्रुप की कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने रविवार को एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए इसकी जानकारी दी। दोनों कंपनियों ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि इस कार्रवाई का उनके बिजनेस, वित्तीय प्रदर्शन, या शेयरहोल्डर्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यस बैंक से लिए 3000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी मामले में दिल्ली और मुंबई में की रेड की गई थी। ये छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 17 के तहत की गई ।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, ये कार्रवाई CBI की ओर से दर्ज दो FIR और सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) जैसी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर की गई।

अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी करने के लिए ED की टीम सुबह पहुंची थी।

अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी करने के लिए ED की टीम सुबह पहुंची थी।

रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बयान

कंपनी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई सभी जगह समाप्त हो गई है। कंपनी और उसके सभी अधिकारी पूरी तरह से सहयोग कर चुके हैं और आगे भी अधिकारियों के साथ सहयोग करते रहेंगे।

ईडी की यह कार्रवाई कंपनी के व्यापार, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं डालती। यह कार्रवाई उन आरोपों से जुड़ी है जो रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (RCOM) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के 10 साल से पुराने लेनदेन से संबंधित हैं।

अनिल अंबानी दोनों कंपनियों के बोर्ड में नहीं हैं, इसलिए RCOM या RHFL पर कार्रवाई का इनके संचालन, प्रबंधन, या शेयरधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रिलायंस पावर और इंफ्रा एक अलग और स्वतंत्र सूचीबद्ध कंपनी है जिसका RCOM या RHFL से कोई व्यापार या वित्तीय संबंध नहीं है।

अब 5 सवाल-जवाब में समझें पूरा मामला:

सवाल 1: अनिल अंबानी के ग्रुप के खिलाफ ED ने कार्रवाई क्यों की है?

जवाब: मामला 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है।

ED की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोन्स को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि यस बैंक के बड़े अधिकारियों को शायद रिश्वत दी गई है।

सवाल 2: ED की जांच में और क्या-क्या सामने आया?

जवाब: ED का कहना है कि ये एक “सोचा-समझा और सुनियोजित” प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं, जैसे:

  • कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।
  • कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल।
  • लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना।
  • फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करना।
  • पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने की प्रक्रिया (लोन एवरग्रीनिंग)।

सवाल 3: इस मामले में CBI की क्या भूमिका है?

जवाब: CBI ने दो मामलों में FIR दर्ज की थी। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए गए दो अलग-अलग लोन से जुड़े हैं। दोनों ही मामलों में CBI ने यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम लिया था।

इसके बाद एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ED के साथ जानकारी साझा की। अब ED इस मामले की जांच कर रही है।

सवाल 4: इस छापेमारी का अनिल अंबानी की कंपनियों पर क्या असर पड़ा?

जवाब: छापेमारी के बाद अनिल अंबानी की दो प्रमुख कंपनियों, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में दो दिन में 10% तक की गिरावट आई है।

सवाल 5: अनिल अंबानी की कंपनियों पर और क्या आरोप हैं?

जवाब: कुछ दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और खुद अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया था।

SBI का कहना है कि RCom ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया। इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए। 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए।

SBI ने ये भी कहा कि हम इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी (दिवालियापन) की कार्रवाई भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में चल रही है।

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