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ITR 2025: क्या शेयर बाजार के छोटे निवेशक बचा सकते हैं टैक्स? जानिए ₹7 लाख तक की कमाई पर क्या है नियम

ITR 2025: क्या शेयर बाजार के छोटे निवेशक बचा सकते हैं टैक्स? जानिए ₹7 लाख तक की कमाई पर क्या है नियम

Last Updated on July 27, 2025 7:35, AM by

ITR 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, खासकर नए टैक्स सिस्टम को अपनाने वाले छोटे निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। खासकर उन निवेशकों के लिए जो शेयर बाजार या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और जिनकी कुल टैक्स योग्य आय 7 लाख रुपये के भीतर है। सवाल यह है कि क्या नए टैक्स सिस्टम में ऐसे निवेशक भी शून्य टैक्स का लाभ ले सकते हैं, जिनकी आय में शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) शामिल है?

इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, नए टैक्स सिस्टम में अगर किसी व्यक्ति की कुल टैक्स योग्य आय 7 लाख रुपये या उससे कम है, तो सेक्शन 87A के तहत 25,000 रुपये तक की छूट दी जाती है। इस छूट के चलते व्यक्ति का कुल टैक्स शून्य हो जाता है। हालांकि, यह लाभ कुछ शर्तों के अधीन है, और यही शर्तें इस समय निवेशकों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा कर रही हैं।

फाइनेंस एक्ट 2025 में एक अहम स्पष्टीकरण दिया गया है। इसके मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की आय में ऐसे स्रोतों से कैपिटल गेन्स शामिल है, जिन पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 111A शॉर्ट-टर्म गेन और सेक्शन 112A लॉन्ग-टर्म गेन के तहत विशेष टैक्स दर लागू होती है, तो सेक्शन 87A की छूट नहीं दी जाएगी।

इसका मतलब है कि अगर आपकी 7 लाख रुपये की आय में इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड से हुआ कैपिटल गेन शामिल है, तो आप नए टैक्स सिस्टम में इस छूट का दावा नहीं कर सकते। इसका कारण यह है कि ये कैपिटल गेन्स, स्पेशल टैक्स दरों के तहत आते हैं और इसलिए इसपर सामान्य स्लैब की छूट लागू नहीं होती।

हालांकि, कुछ खास स्थितियों में निवेशकों को राहत मिल सकती है। अगर आपकी इक्विटी से कैपिटल गेन सहति कुल आय 3 लाख रुपये की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम है, तो ऐसे में आप अपनी कैपिटल गेन को उसी सीमा के भीतर एडजस्ट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपकी कुल आय 1 लाख रुपये है और आपने 2 लाख रुपये की आय STCG व LTCG के रूप में कमाए हैं, तो 3 लाख रुपयेतक की कुल आय बेसिक छूट सीमा में आएगी और इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

इसके अलावा, अगर आपकी कैपिटल इनकम किसी ऐसे स्रोत से है जिस पर टैक्स सामान्य स्लैब रेट्स पर लगता है, जैसे कि डेड म्यूचुअल फंड्स (1 अप्रैल 2023 के बाद खरीदे गए) या रियल एस्टेट की शॉर्ट टर्म बिक्री, तो उन मामलों में आप सेक्शन 87A की छूट का दावा कर सकते हैं और जीरो टैक्स की स्थिति संभव हो सकती है।

कुल मिलाकर, छोटे इक्विटी निवेशकों के लिए यह स्पष्ट है कि 7 लाख रुपये तक की आय पर शून्य टैक्स का लाभ नए टैक्स सिस्टम में तभी संभव है, जब आपकी आय विशेष टैक्स दरों से मुक्त हो या आपकी कुल आय बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट में समाहित हो सके। लेकिन अगर आपकी आय का बड़ा हिस्सा STCG या LTCG के रूप में है और वह 3 लाख रुपये की सीमा से ऊपर जाती है, तो टैक्स देना जरूरी हो जाएगा।

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