Last Updated on July 24, 2025 14:04, PM by
Share Market Down: भारतीय शेयर बाजारों में आज 24 जुलाई को भारी गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान बीएसई सेंसेक्स 649.98 अंक या 0.79 फीसदी टूटकर 82,076.66 के स्तर तक आ गए। वहीं निफ्टी 196.10 अंक या 0.78 फीसदी लुढ़ककर 25,023.80 के स्तर तक आ गया। हालांकि सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने कारोबार की शुरुआत हरे निशान में की थी, लेकिन जल्द ही ये अपनी बढ़त खोकर लाल निशान में आ गए। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कुछ कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों से निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हुआ है।
निफ्टी पर ट्रेंट, श्रीराम फाइनेंस, टेक महिंद्रा और कोल इंडिया जैसे दिग्गज कंपनियों के शेयर 5 फीसदी तक टूट गए। शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 6 बड़े कारण रहे-
1) नेस्ले के कमजोर नतीजे
FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी नेस्ले इंडिया का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 13.4 फीसदी घटकर 646.6 करोड़ रुपये रहा, जो बाजार की उम्मीदों से कमजोर रहा। मनीकंट्रोल के एक पोल में एनालिस्ट्स ने इस मुनाफे के 751 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था। नेस्ले के कमजोर नतीजों का असर पूरा FMCG सेक्टर पर देखा गया। इनपुट लागत में इजाफा और मार्जिन में दबाव ने निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डाला।
2) विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) की बिकवाली भी शेयर बाजार में गिरावट के पीछे बड़ी वजह रही। विदेशी निवेशकों ने एक दिन पहले बुधवार को 4,209.11 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी। इस बिकवाली के चलते खासतौर से लार्जकैप शेयरों पर दबाव देखा जा रहा है।
3) हैवीवेट शेयरों में कमजोरी
सेंसेक्स और निफ्टी पर अच्छा वेटेज रखने वाले कई दिग्गज शेयरों में भी आज गिरावट देखने को मिली। इसमें ट्रेंट, टेटर महिंद्रा और इंफोसिस जैसे शेयर शामिल हैं। इन शेयरों में बिकवाली ने इंडेक्स को नीचे लाने में अहम भूमिका निभाई, जिससे बाजार में कमजोरी बढ़ी।
इंफोसिस ने जून तिमाही के दौरान शुद्ध मुनाफे में 8.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की, लेकिन उसने पूरे साल के रेवेन्यू अनुमान के दायरे को थोड़ा से कम किया है, जिससे सेंटीमेंट पर असर पड़ा।
4) क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 0.31 फीसदी उछलकर 68.72 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया। क्रूड लागत में इजाफे से पेंट और टायर समेत कई कंपनियों की इनपुट लागत में इजाफा होता है। देश का करेंट अकाउंट डेफिसिट भी बढ़ता है और महंगाई के मोर्चे पर दबाव देखने को मिलता है।
5) ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी चिंताएं
यूरोपीय यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका 1 अगस्त से उस पर टैरिफ लगाता है तो वह भी करी 117 अरब डॉलर के अमेरिकी सामानों पर 30 प्रतिशत का टैरिफ लगाएगा। इस कदम से ग्लोबल लेवल पर ट्रेड को लेकर चिंताएं फिर से बढ़ी हैं।
इस बीच, निवेशक बेसब्री से भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील के ऐलान होने का इंतजार कर रहे हैं और इसके चलते भी उनका रुख सतर्क बना हुआ है।
6) आईटी शेयरों में बिकवाली
निफ्टी आईटी इंडेक्स में आज करीब 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। खासतौर से मिडकैप सेगमेंट की आईटी कंपनियों में आज भारी बिकवाली देखने को मिली। परसिस्टेंट सिस्टम्स और कोफोर्ज के शेयर कारोबार के दौरान 9 फीसदी तक लुढ़क गए। इसके अलावा, इंफोसिस के शेयर भी 1 फीसदी तक गिर गए। इन तीनों शेयरों ने निफ्टी आईटी इंडेक्स को करीब 150 अंक गिराने में अहम भूमिका निभाई।
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट्स, आनंद जेम्स का कहना है कि अभी तक बाजार में कोई थकावट के संकेत नहीं दिखे हैं, लेकिन Nifty को आगे बढ़ने से पहले एक हॉरिजेंटल रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
जेम्स ने कहा, “डायरेक्शनल इंडिकेटर्स फिलहाल किसी मजबूत ब्रेकआउट की ओर इशारा नहीं कर रहे, जिससे लगता है कि बाजार कुछ समय के लिए कंसॉलिडेशन मोड में रह सकता है। अगर निफ्टी 25,400 के ऊपर बंद होता है, तो यह डिसेंडिंग ब्रॉडनिंग वेड पैटर्न से ब्रेकआउट कन्फर्मेशन होगा, जो एक बुलिश संकेत है। वहीं नीचे की ओर इसे 25,174 और 25,113 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट है। बुलिश ट्रेंड के जारी रहने के लिए जरूरी है कि ये दोनों स्तर नहीं टूटे।”