Last Updated on July 21, 2025 12:52, PM by
Reliance Share Price: रिलायंस इंडस्ट्रीज के हालिया तिमाही नतीजे मिले-जुले रहे। कंपनी का मुनाफा तो अच्छा रहा, लेकिन ऑपरेशनल परफॉर्मेंस उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। जियो का प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन रिटेल और O2C में कमजोरी देखने को मिली। एनालिस्ट कंपनी के भविष्य को लेकर पॉजिटिव हैं, लेकिन कुछ लोगों को शेयर की कीमत में गिरावट की आशंका है।
कितना हुआ है मुनाफा?
बीती तिमाही कंपनी को 30,783 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। इस मुनाफे में एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी बेचने से मिली 8,924 करोड़ रुपये की रकम भी शामिल है। इसके अलावा, ब्याज खर्च और टैक्स भी उम्मीद से कम रहे। कई ब्रोकरेज कंपनियों का कहना है कि कंपनी के नतीजे मुख्य बिजनेस सेगमेंट में उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।
ब्रोकरेज फर्म ने जतायी निराशा
ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि कंपनी का मुनाफा तो अच्छा रहा, लेकिन ऑपरेशनल परफॉर्मेंस मुख्य बिजनेस सेगमेंट में उम्मीदों से कम रही। जेफरीज ने कहा है कि कंपनी का कंसोलिडेटेड EBITDA उनकी उम्मीदों से 3% कम रहा। O2C और रिटेल सेगमेंट में यह कमी क्रमशः 5% और 4% रही। जेफरीज ने RIL के शेयर खरीदने की सलाह दी है और टारगेट प्राइस 1,726 रुपये रखा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कोर रिटेल की ग्रोथ सिर्फ 8% रही, क्योंकि शुरुआती मानसून की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री कम हुई और जगह बढ़ाने का काम भी धीमा रहा। एमके ने भी निराशा जताते हुए कहा कि RIL का कंसोलिडेटेड EBITDA और एडजस्टेड प्रॉफिट Q1FY26 में उम्मीद से कम रहा। EBITDA 5% कम रहा और 429 बिलियन रुपये रहा, जबकि प्रॉफिट 7% कम रहा और 181 बिलियन रुपये रहा। इसकी वजह O2C और रिटेल EBITDA का प्रदर्शन उम्मीद से क्रमशः 6% और 5% कम रहना था।
कंपनी के ग्रोथ इंजन का नतीजा निराशाजनक
रिलायंस रिटेल को कभी कंपनी का ग्रोथ इंजन माना जाता था। लेकिन इस बार इसके नतीजे निराशाजनक रहे। इससे एनालिस्ट चिंतित हैं। मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि रिलायंस रिटेल का ऑपरेशनल EBITDA उनकी उम्मीद से लगभग 7% कम रहा। इसकी वजह यह थी कि कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ 11% रही, जबकि उनकी उम्मीद 16% की थी। जेपी मॉर्गन को रिटेल की रफ्तार को लेकर खास चिंता थी। उन्होंने कहा कि रिटेल ग्रोथ 11% तक धीमी हो गई है और यह उनकी उम्मीदों से कम है। जेपी मॉर्गन ने RIL के शेयर को ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस को 1,568 रुपये से बढ़ाकर 1,695 रुपये कर दिया है। इससे पता चलता है कि कंपनी को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। रिटेल में कमजोरी की वजह मौसमी कारण और इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री में कमी थी। जेफरीज ने बताया कि शुरुआती मानसून की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स का प्रदर्शन धीमा रहा और जगह बढ़ाने का काम भी धीमा रहा।
ऑयल बिजनेस का भी प्रदर्शन उम्मीद से कम
ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) बिजनेस RIL का सबसे ज्यादा कमाई करने वाला बिजनेस है। लेकिन इस बार इसका प्रदर्शन भी उम्मीद से कम रहा। मोतीलाल ओसवाल ने कहा है कि कंसोलिडेटेड O2C EBITDA तिमाही-दर-तिमाही 4% गिर गया, जो उनकी उम्मीद से 8% कम है। इसकी वजह यह थी कि रिटेल फ्यूल मार्जिन और प्रोडक्ट क्रैक ज्यादा थे, लेकिन प्लांट बंद होने की वजह से वॉल्यूम कम रहा। नुवामा ने बताया कि O2C का प्रदर्शन मुख्य रूप से टर्नअराउंड गतिविधियों से प्रभावित हुआ। जेफरीज ने कहा कि रिफाइनरी बंद होने से O2C प्रभावित हुआ, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि रिफाइनिंग का भविष्य अच्छा दिख रहा है। हालांकि, कुछ दिक्कतें हैं, लेकिन एनालिस्ट इस सेगमेंट को लेकर पॉजिटिव हैं। एमके ने कहा कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका में रिफाइनरी बंद होने से रिफाइनिंग मार्जिन को सपोर्ट मिलेगा, लेकिन पेट्रोकेमिकल रिकवरी में अभी और समय लगेगा।
जियो ने दिखाई चमक
इस तिमाही में सिर्फ रिलायंस जियो का प्रदर्शन अच्छा रहा। मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि RJio का EBITDA तिमाही-दर-तिमाही लगभग 5% बढ़ा, जो उनकी उम्मीद से 2% ज्यादा है। इसकी वजह यह थी कि ऑपरेशनल कॉस्ट कम रही और EBITDA मार्जिन 97% रहा। एमके ने कहा कि जियो ने 9.9 मिलियन नए ग्राहक जोड़े, जो उम्मीद से बेहतर है। इसके अलावा, एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) 1% बढ़कर 208.8 रुपये हो गया। टेलीकॉम बिजनेस का प्रदर्शन अच्छा रहा, क्योंकि ग्राहकों की संख्या बढ़ी और ऑपरेशनल मार्जिन में सुधार हुआ। मैक्वेरी ने कहा कि बिजनेस के स्तर पर जियो ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि रिटेल कमजोर रहा और O2C में सुधार के संकेत मिले